15 August Independence Day 2022: स्वतंत्रता दिवस पर Top 15 शेर।

Independence Day 2022: कल भारत में 
मनाया जायेगा आज़ादी का 75 वां सालगिरह 

इस बार आज़ादी का त्योहार बहुत ख़ास तरीके 

से मनाया जा रहा हैं जब से प्रधान मंत्री नरेंद्र 

मोदी ने आज़ादी का अमृत महोत्सव मानने के 

एलान किया हैं तब देश का हर व्यक्ति अपने 

हिसाब से 15 अगस्त की तैयारी में जुटा। हर 

लोग अपने घरों पर तिरंगा लगाया है और 13 

तारीख से ही हर जगह जुलुश निकाल कर लोगों 

में उत्साह बढ़ा रहे हैं। 


ऐसे में हर कोई आज़ादी का शेर पढ़ कर लोगों में 

इंकलाब का जोश पैदा कर रहे। तो ऐसे में आइए 

जानते है आज़ादी पर कहें गए टॉप 15 शेर जो 

आप को जोश से भर देगा।








1. सरफ़रोशी की तमन्ना  अब हमारे दिल में है

 देखना है  ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है।

~बिस्मिल अज़ीमाबादी



2. सारे जहां से अच्छा हिंदुस्ता हमारा

हम बुलबुले है इनके ये गुलशिता हमारा।


~डॉ अल्लामा इकबाल 



3. दिल से निकलेगी न कभी मर के भी उलफत 

मेरी मिट्टी से भी खुशबू ऐ वफा आएगी।

~लाल चंद फलक 



4. वतन के जां निशार हैं वतन के काम आयेंगे

हम इस जमीं को एक रोज़ आसमा बनाएंगे।


~जफर मलीहाबादी


5. लहू शहीदों का रंग लाया हैं

उछल रहा हैं जमाने में नाम ये आज़ादी।


~फिराक गोरखपुरी 


6. हम खून की कई किश्ते तो कई दे चुके

ऐ ख़ाक ऐ वतन कर्जा अदा क्यों नहीं होता 

~खुर्शीद अकबर



7. बढ़ते  रहेंगे  क़दम  हमारे  पीछे  मुड़ना सीखा नहीं

देश के लिए सर कटा देंगे पर सर झुकाना सीखा नहीं 


~K.S Siddiqui


8. लहू  की  धराएं  जिसने  बहाया  हैं

अपने प्राणों को देकर तिरंगा फहराया हैं 


मुबारक हो पहले उन सैनिकों को 15 अगस्त

जिसने  तिरंगे की लाज को बचाया हैं।

~K.S Siddiqui 



9. भारत  के ऐ  सपूतों हिम्मत दिखाए जाओ

दुनियां के दिल पर अपना सिक्का बिठाए जाओ



~लाल चंद फलक 



10. हम अपनी जान के दुश्मन को  जान कहते हैं 

मोहब्बत की इसी मिट्टी को हिंदुस्तान कहते हैं 

~राहत इंदौरी



11. कस ली है कमर तो कुछ कर के दिखाएंगे

आज़ादी ही ले लेंगे या सर ही कटा देंगे ।


~अशफ़ाक उल्ला खां


12. मैं जब मर जाऊ तो मेरी अलग पहचान 

लिख देना

लहू से मेरी पेशानी पर हिंदुस्तान लिख देना।


~राहत इंदौर



13. क्या मोल लग रहे है शहीदों के खून का

मरते थे जिनपे हम वो सज़ा याब क्या हुए

~साहिर लुधियानवी 


14. मेरे जज्बातों से इस कदर वाकिफ हैं मेरी कलम

मैं इश्क़ लिखना चाहता हूं इन्कलाब लिख जाता है।


~भगत सिंह 



15. मौत जब एक बार आना हैं तो डरना क्या है

हम इसे खेला ही समझा करें मरना क्या हैं।

~अशफ़ाक उल्ला खां 


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