Bilkis Bano Case: 15 अगस्त 2022 के
दिन गुजरात कोर्ट ने बिलकिस बानो के दोषियों
को छोड़ने का आदेश दिया था। और उसके एक
दिन बाद 16 अगस्त को दोषियों को रिहा कर
दिया गया। इतना ही नहीं रिहा करने के बाद
उनका ज़ोर दार स्वागत किया गया उन दोषियों
को मिठाई और माला पहनाकर उनका स्वागत
किया गया था। तब से कानून व्यवस्था पर सवाल
उठ रहा हैं।
बिलकिस बनो के दोषियों को अब
"माफ़ी नहीं फांसी दो" की उठ रही है
मांग!
जब से बिलकिस बनो के दोषियों को छोड़ा गया
है तब से हर समुदाय के लोग बिलकिस बनो के
साथ खड़े हैं। और लगातार सोशल मीडिया और
ट्विटर पर दोषियों को फांसी देने की मांग कर रहे
हैं। ट्विटर पर आज लगभग 1 लाख 26 हज़ार
से ज्यादा लोग ट्वीट कर चुके हैं।
लगातार हैशटैग में #माफ़ी_नही_फांसी_दो के
ट्वीट को ट्रेंड करा रहे हैं। और लगातार ये ट्रेंड
नंबर वन पर ट्रेंड कर रहा हैं। लेकिन सरकार के
तरफ़ से अभी कोई एक्शन नहीं लिया गया हैं।
जबकि ये ट्रेंड कई दिन से लगातार ट्रेंड कर रहा
हैं। और साथ में ही लोग सरकार पर सवाल उठा
रहे हैं
बिलकिस बानो के आरोपियों को
छुड़ाने के लिए 5 बीजेपी के लोग
शामिल थे।
NDTV के पड़ताल में ये बात सामने आई है की
बिलकिस बनो के में दोषियों को छुड़ाने के लिए
10 लोगों की सदस्य वाली एक कमेटी बनाई गई
थी जिसमें अकेले बीजेपी के 5 नेता कार्यकता
शामिल थे।
बिलकिस बनो के दोषियों को छोड़ने
पर IAS और जज समेत कई ने
विरोध किया !
बिलकिस बनो का गैंग रेप और उनके परिवार के
7 लोगों को कत्ल कर के बेरहमी से मार दिया
था। उसके बाद लंबी लड़ाई के बाद बिलकिस
बनो के आरोपियों को सीबीआई कोर्ट ने उन्हें
आजीवन कारावास की सज़ा दी थीं। लेकिन
गुजरात कोर्ट ने उस सज़ा को पलटते हुए
दोषियों को तत्काल रिहा कर दिया।
इस पर लगातार कोर्ट पर सवाल उठ रहा हैं।
IAS स्मिता सभरवाल ने कहा कि " बिलकिस
बनो के आज़ाद सांस लेने के अधिकार को हम
छिनने के बाद हम ख़ुद को एक स्वतंत्र राष्ट्र नहीं
कह सकते "
वहीं बिलकिस बनो के दोषियों को आजीवन
सजा देने वाले जज यूडी साल्वी ने कहां "
जिसपर बीतता हैं वहीं जनता हैं , बिलकिस बानो
के गुनाहगारों के छूटने से मैं हैरान हूं"
अब देखना ये हैं की क्या इतना भारी विरोध के
बाद उन दोषियों के उपर कोई कार्यवाही करती है
सरकार या नहीं.
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