Ravindra nath tagore Death Anniversary: रविंद्र नाथ टैगोर के Top 11 महान विचार।

Ravindra Nath tagore: महान कवि , 

कहानीकार, गीतकार, एक महान विद्वान्, 

चित्रकार और समाज सुधारक रविन्द्र नाथ टैगोर 

का जन्म 7 मई 1861 को कोलकात में हुआ 

था। रविंद्र नाथ टैगोर एक दार्शनिक के रूप में 

जानें जाते हैं। इनके पिता का नाम देवेंद्र नाथ 

टैगोर और माता का नाम शारदा देवी था ।

            (रविंद्र नाथ टैगोर)

रविन्द्र नाथ टैगोर सिर्फ़ 8 साल की छोटी सी उम्र 

से ही कविता लिखना शुरू कर दिया था । ये 

प्रकृति से बेहद ही प्रेम करते थे। इनके स्वभाव 

बेहद ही सरल और विनम्र थे। 

रविन्द्र नाथ टैगोर ने ही भारत का "राष्ट्रगान" 

जन गण मन अधिनायक जय हे लिखा था जिसे 

आज हर हिंदुस्तानी अपने दिलो में सजा के 

रखता हैं। रविंद्र नाथ टैगोर ने अपना काव्य रचना 

गीतांजलि लिखा जिसके लिए उन्हें साहित्य 

नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया था ।




महात्मा गांधी जी ने गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के 

नाम की उपाधि दी थी ।

रविंद्र नाथ टैगोर आज भारत के हर व्यक्ति के 

लिए आदर्श माने जाते है।


आइए जानते है इनके 11 विचार जो आपको 

जीवन में आगे बढ़ने में मदद करेगी।


1. आयु सोचती है जवानी करती हैं।


2. कट्टरता सच को उन हाथों में सुरक्षित रखने 

की कोशिश करती है जो उन्हें मरना चाहते हैं।


3. मौत प्रकाश को ख़त्म करना नहीं हैं ये सिर्फ़ 

दीपक को बुझाना हैं क्यों की सुबह हो गई।


4. मित्रता की गहराई परिचय की लंबाई पर 

निर्भर नहीं करती।


5. मिट्टी के बंधन से मुक्ति पेड़ के लिए आज़ादी 

नहीं हैं।


6.  हर एक कठिनाई जिससे आप मुंह मोड़ लेते 

हैं , एक भूत बन कर आपके नींद में बाधा 

डालेगी।


7. प्रेम अधिकार का दावा नहीं है बल्कि स्वतंत्रता 

देता हैं।

8. संगीत दो आत्माओं के बीच के अनंत को 

भरता हैं।


9. जब मैं खुद पर हंसता हूं तो मेरे उपर से मेरा 

बोझ कम हो जाता हैं।


10. अकेले फूल को कई कांटो से ईर्ष्या करने की 

ज़रूरत नही पड़ती ।


11. पृथ्वी द्वारा स्वर्ग से बोलने का अथक प्रयास 

है ये पेड़।

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