Bashir Badra: डॉ. बशीर बद्र को मोहब्बत का रूहानी शायर क्यों कहां जाता हैं? जानिए इनके टॉप 10 रूहानी शेर..

Bashir Badra: आज के दौर में अगर मोहब्बत को सबसे अलग अंदाज़ में अगर कोई बायां किया हैं तो वो शायर बशीर बद्र हैं। बशीर बद्र उर्दू के सबसे बड़े शायर माने जाते हैं। इनके शेर लोगों के दिलों में गहरा छाप छोड़ता हैं,जो भी इनको पढ़ता हैं, वो एक पल के लिए ख़ुद को भूल जाता हैं। डॉ. बशीर बद्र की लिखी गजलें देश में ही नहीं बल्कि पूरे मुल्क में सुने और पढ़ें जाते हैं। बशीर बद्र ने दो दिलों को मोहब्बत करने का नया फन सिखाया। 




यूपी में ही जन्में हैं बशीर बद्र


डॉ. बशीर बद्र का जन्म 15 फ़रवरी 1935 को कानपुर में हुआ था। ये बचपन से ही साहित्य के शौकीन थे, महज़ 20 साल की उम्र से ही रूहानी शेर लिखना शुरू कर दिया था उस दौरान इनके लिखे शेर हिंदुस्तान और पाकिस्तान में काफ़ी मशहूर हुए। 


बशीर बद्र अपनी गजलों और शेरों को नया रंग रूप दिया, इन्होंने अपने शेरों में नए नए शब्दों का प्रयोग कर के युवाओं के दिलों में अच्छा मकाम बनाया।


जानते हैं इनके टॉप 10 रूहानी शेर..


1. उजाले अपनी यादों का हमारे साथ रहने दो.
न जानें किस गली में जिंदगी की शाम हो जाए.


2. कुछ तो मजबूरियां रही होंगी।
यूं ही कोई बेवफ़ा नहीं होता 


3. जिंदगी तूने मुझे कब्र में कम दी है जमी 
पांव फैलाऊं तो दीवार से सर लगता है 


4. हर धड़कते पत्थर को दिल समझते हैं 
उम्र बीत जाती हैं दिल को दिल बनाने में।


5. तुम मोहब्बत को खेल कहते हों
हमने जिदंगी बर्बाद कर ली।


6.सर झुकाओगे तो देवता पत्थर हो जायेगा
इतना मत चाहो उसे वो बेवफ़ा हो जायेगा।


7. लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में
तुम तरस नहीं खाते बस्तियां जलाने में।


8.उड़ने दो परिंदो को अभी सोख हवा में 
लौट के बचपन के ज़माने नही आते ।


9.महक रही है जमी चांदनी के फूलों से
खुदा किसी के मोहब्बत पर मुस्कुराया हैं।


10. मैं बोलता हूं तो इल्जाम हैं बगावत का
मै चुप रहूं तो बड़ी बेबसी सी होती हैं।

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1 टिप्पणियाँ

Unknown ने कहा…
Love you Bashir Badr sahab