Suprim court: गोदी मीडिया और एंकरों को सुप्रीम कोर्ट की सख़्त फटकार कहां एंकर नफ़रत फैला रहें हैं और केंद्र चुप क्यों हैं दो हफ्तों में दे जवाब.

सुप्रीम कोर्ट: देश में नफ़रत फैलाने वाले एंकरों की अब खैर नहीं , नफ़रत को मिटाने के लिए कोर्ट ने लिया जिम्मेदारी मोदी सरकार और गोदी मीडिया को साफ़ लफ्जों में कहां की भड़काऊ भाषण को फैलाने में टीवी एंकरों की सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती हैं, और इन एंकरों पर केंद्र सरकार कंट्रोल क्यों नहीं करती, कोर्ट ने कहां केंद्र सरकार दो हफ्तों में जवाब दे।




क्या कहां कोर्ट ने?



सुप्रीम कोर्ट ने ने हेट स्पीच (Hate Speech) भाषणों को लेकर कड़ा रुख अपनाया और भारतीय मीडिया और एंकरों पर बड़ा सवाल उठाया और साफ़ लफ्जों में कहां की... सबसे ज्यादा हेट स्पीच मीडिया और सोशल मीडिया पर हैं , हमारा देश किधर जा रहा? टीवी एंकरों की बड़ी जिम्मेदारी हैं इसमें,एंकर गेस्ट को टाइम तक नहीं देते और उन्हे भड़काने का काम करते हैं, ऐसे माहौल में केंद्र सरकार चुप क्यों हैं? इन सभी मामलों में एक सख़्त तंत्र स्थापित करने की जरूरत हैं। 

SC ने इन सभी मामलों में केंद्र सरकार से 2 हफ्तों में जवाब मांगा हैं, अगली सुनवाई 23 नवंबर को होगी।

इस मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस एम जोसेफ ने ये भी कहां की.. राजनीतिक दल इससे पूंजी बनाते हैं, टीवी चैनल और एंकर एक मंच के रूप में काम कर रहे हैं। सबसे ज्यादा नफरत भरी भाषण टीवी और सोशल मीडिया पर हो रही हैं। दुर्भाग्य है की हमारे पास टीवी के संबंध में कोई नियंत्रण कानून नही हैं, कुछ दिनों पहले इंग्लैंड के एक टीवी चैनल पर भारी भरकम जुर्माना लगाया गया था, दुर्भाग्य से वो कानून हमारे भारत में नहीं हैं, जिससे इन एंकरों पर जुर्माना लगाया जा सके। केंद्र को ये बताना चाहिए की अगर एंकर गलत हैं तो परिणाम भुगतना होगा, समस्या तब होती है जब आप किसी प्रोग्राम के दौरान किसी व्यक्ति को कुचलते हैं। जब हम और आप टीवी चालू करते है तो हमें यही मिलता हैं। और हम इससे जुड़ जाते हैं। हर कोई गणतंत्र का हैं , यह राज नेता हैं जो लाभ उठा रहे हैं , भारत में लोकतंत्र स्तंभ स्वतंत्र माने जाते हैं। टीवी चैनलों और एंकरों को इसका शिकार नहीं होना चाहिए। ओ

सुप्रीम कोर्ट के सख़्त टिप्पणी के बाद गोदी मीडिया में सन्नाटा छाया हुआ हैं, ईमानदार पत्रकार इस फ़ैसले पर खुश हैं और वो कह रहे है जो काम सरकार को करना चाहिए था वो काम अब सुप्रीम कोर्ट कर रहा हैं। यकीनन गोदी मीडिया के द्वारा सुबह शाम दोपहर सिर्फ़ नफरत परोसा जा रहा था जिससे आने वाला माहौल काफ़ी ख़राब हो रहा हैं।


सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी मीडिया पर सवाल उठाए.



अनुराग ठाकुर ने कहा कि मुख्यधारा मीडिया को खतरा ऑनलाइन मीडिया से नही बल्कि ख़ुद के न्यूज चैनलों से हैं। 
यदि आप ऐसे महमान को चैनल पर बुलाएंगे जो धुरीकरण कर रहे हैं, जो गला फाड़ कर चिल्लाएंगे तो इससे चैनल पर विश्वास कम हो जाती हैं।

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