Ravish Kumar : नमस्कार, "मैं रवीश कुमार " NDTV और देश के सबसे पसंदीदा पत्रकार रवीश कुमार ने बुधवार को देर शाम एनडीटीवी से इस्तीफ़ा दे दिया हैं। NDTV अडानी ग्रुप द्वारा खरीदे जानें के बाद रवीश कुमार ने ये फ़ैसला लिया हैं। सूत्रों की मानें तो अडानी ग्रुप द्वारा रवीश कुमार को सरकार के उपर न बोलने के लिए कहां जा रहा था, जिसको रवीश कुमार ने नकारते हुए इतीफा दिया हैं। और आज से एनडीटीवी में प्राइम टाइम (prime time) करते नज़र नही आयेंगे
NDTV में अडानी ग्रुप का कब्ज़ा होने के बाद इस्तीफों का दौर लगातार जारी है। इससे पहले सह संस्थापक प्रणय रॉय और उनकी पत्नी ने बीते दिन मीडिया हाउस से इस्तीफ़ा दिया था। और आज इसी कड़ी में रवीश कुमार ने भी अपना इस्तीफा दे कर एनडीटीवी को भी मोदीमय कर दिया।
एनडीटीवी ग्रुप की प्रेसीडेंट सुपर्णा सिंह ने सभी कर्मचारियों को ईमेल किया है, जिसमें रवीश कुमार के इस्तीफे की जानकारी दी है। पढ़ें, क्या लिखा है ईमेल में..
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रवीश कुमार का इस्तीफ़ा |
रवीश कुमार ने कभी कहां था..
हर लड़ाई जीतने के लिए नहीं लड़ी जाती है कुछ लड़ाईयां इसलिए लड़ी जाती हैं ताकि लोगों को पता रहे कि कोई था जो मैदान में खड़ा था ।
~रवीश कुमार
मैग्सेसे अवार्ड से सम्मानित हैं रवीश कुमार।
रवीश कुमार मीडिया जगत के सबसे बेहतरीन पत्रकार माने जाते हैं। जब आज के दौर में सारे पत्रकार सरकार के साथ कदम से कदम मिला कर चल रहे हैं । उस वक्त में रवीश कुमार इतिहास रच रहे हैं। साल 2019में रवीश कुमार को पत्रकारिता में दुनियां का सबसे बड़ा अवॉर्ड "मैग्सेसे" से नवाजा गया था। जब ये अवॉर्ड रवीश कुमार को मिला तो गोदी मीडिया में सन्नाटा छा गया था।
रवीश कुमार को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई सारे अवॉर्ड मिल चुके हैं। रवीश कुमार की लिखी किताब "इश्क में शहर होना" जो लाखों लोगों ने खरीद कर पढ़ी हैं।
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