के एक बड़े शायर थे। इनके लिखें शेर आज भी
लोगों के दिलों में बसता हैं।
तो आइए जानते है अहमद फ़राज़ के टॉप 21
शेर जो पढ़ने के बाद आपके दिल को छू जायेगा।
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1. रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ
आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ
कुछ तो मिरे पिंदार ए मोहब्बत का भरम रख
तू भी तो कभी मुझ को मनाने के लिए आ
किस किस को बताएँगे जुदाई का सबब हम
तू मुझ से ख़फ़ा है तो ज़माने के लिए आ
2. आंख से दूर न हो दिल से उतर जायेगा
वक्त का क्या हैं गुजरता हैं गुजर जायेगा।
3. अब के बिछड़े तो शायद कभी ख्वाबों में मिले
जिस तरह सूखे हुए फूल किताबों में मिलें
4. हुआ हैं तुझसे बिछने के बाद ये मालूम
की तू नहीं था तेरे साथ एक दुनियां थी।
5. दिल को तेरी चाहत पर भरोसा भी बहुत हैं
और तुझे बिछड़ जानें का डर भी नहीं जाता।
6. किसी को घर से निकलते ही मिल गई मंजिल
कोई हमारी तरह उम्र भर सफर में रहा।
7. जिंदगी से यहीं गिला हैं मुझे
तू बहुत देर से मिला हैं मूझे
8. अगर तुम्हारी आना का ही सवाल हैं तो फ़िर
चलो मैं हांथ बढ़ता हूं दोस्ती के लिए ।
9. हम को अच्छा नहीं लगता कोई हमनाम तेरा
कोई तुझ सा हो तो फ़िर नाम भी तुझ सा रखे
10. और फ़राज़ चाहिए कितनी मोहब्बतें तुझे
मांओं ने तेरे नाम पर बच्चों का नाम रख दिया
11. तेरी बातें ही सुनाने आए
दोस्त भी दिल ही दुखने आए
12. तू मोहब्बत से कोई चाल तो चल
हार जानें का हौसला हैं मुझे
13. आशिक़ी में मीर जैसे ख़्वाब मत देखा करो
बावले हो जाओगे महताब मत देखा करो
14. सुना हैं उसके बदन की तराश ऐसी हैं
।
की फूल अपनी कबायें कतर के देखते हैं।
15. चला था जिक्र जमाने में बेवफ़ाई का
सो आ गया है तुम्हारा ख्याल वैसे ही।
16. मैं क्या करूं मेरे कातिल न चाहने पर भी
तेरे लिए मेरे दिल से दुआ निकलती हैं।
17. उम्र भर कौन निभाता हैं ताल्लुक इतना
ये मेरी जान के दुश्मन तुझे अल्लाह रखें।
18. दोस्त बन कर भी साथ नहीं निभाने वाला
वहीं अंदाज़ हैं ज़ालिम का ज़माने वाला।
19. मुझसे बिछड़ कर तू भी रोएगा उम्र भर
ये सोच ले की मै भी तेरी ख्वाहिशों में हूं।
20. भरी बहार में एक शाख पर खिला हैं गुलाब
कि जैसे तू ने हथेली पर गाल रखा हैं।
21. सुना हैं उसे लोग आंख भर के देखते हैं
सो उसके शहर में कुछ दिन ठहर के देखते हैं
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