Khumar Barabankavi: खुमार बाराबंकवी के Top 15 शेर और गज़ल पढ़िए.

Khumar Barabankvi biography 

Khumar Barabankavi : उर्दू शायरी (Urdu shayari)के महान् शायर (great poet) खुमार बाराबंकी का जन्म 15 सितंबर 1919 को बाराबंकी , भारत ( India) में हुआ था, खुमार बाराबंकवी उर्दू अदब के एक बेहतरीन शायरी माने जाते हैं, इनकी शायरी में मौजूदा हालात, दर्द, दिल मोहब्बत और विरह की भरपूर जुगलबंदी देखने को मिलता हैं, खुमार बाराबंकवी की लिखीं गजलें हिंदुस्तान और पाकिस्तान में काफी ज्यादा पढ़ी जाती हैं। इनके लिखें शेर में रूहानी का एक अहसास झलकता हैं, जो लोगों के अंदर जोड़ने और अमल करने का काम करता हैं। खुमार बाराबंकवी शायरी में नाम कमाने के बाद ज़िगर मुरादाबादी और मजरूह सुल्तानपूरी के साथ मुंबई आ गए और फिल्मों के लिए एक से बढ़कर एक हिट गाने लिखें। 


Khumar Barabankavi 


खुमार 80 वर्ष की आयु के बाद 19 मार्च 1999 को इस दुनियां को छोड़कर अनंत दुनियां में चले गए। खुमार सादगी भरा जीवन जीना पसंद करते थे, शराब के बहुत ज्यादा शौकीन थे लेकिन अंत में गलती का अहसास होने के बाद शराब से तौबा कर लिया और उसके बाद कभी शराब नहीं पी। 

खुमार बाराबंकी ने अपने 3 काव्यसंग्रह प्रकाशित किया..

1. आतिश–ए–तर

2. शब–ताब 

3. रक्स–ए–मय


 इसे पढ़े 👉 मिर्ज़ा गालिब के गज़ल शेर और बायोग्राफी पढ़िए


खुमार बाराबंकी के मशहूर गजलें..

खुमार बाराबंकवी की ग़ज़ल


1. हम उन्हें वो हमें भुला बैठे।

दो गुनहगार ज़हर खा बैठे।।


आँधियो जाओ अब करो आराम।

हम ख़ुद अपना दिया बुझा बैठे।।


जब से बिछड़े वो मुस्कुराए न हम।

सब ने छेड़ा तो लब हिला बैठे।।


उठ के इक बेवफ़ा ने दे दी जान।

रह गए सारे बा-वफ़ा बैठे।।


हश्र का दिन अभी है दूर ख़ुमार।

आप क्यूँ ज़ाहिदों में जा बैठे।।


वही फिर मुझे याद आने लगे


2. वही फिर मुझे याद आने लगे हैं।

जिन्हें भूलने में ज़माने लगे हैं।।


सुना है हमें वो भुलाने लगे हैं।

तो क्या हम उन्हें याद आने लगे हैं।।


वो हैं पास और याद आने लगे हैं।

मोहब्बत के होश अब ठिकाने लगे हैं।।


ये कहना था उन से मोहब्बत है मुझ को।

ये कहने में मुझ को ज़माने लगे हैं।।


हवाएँ चलीं और न मौजें ही उट्ठीं।

अब ऐसे भी तूफ़ान आने लगे हैं।।


क़यामत यक़ीनन क़रीब आ गई है।

ख़ुमार अब तो मस्जिद में जाने लगे हैं।।


Khumar Barabankvi ghazal


इसे भी पढ़ें  आने वाले 2023 पर बेहतरीन शेर पढ़िए


3. न हारा है इश्क़ और न दुनिया थकी है।

दिया जल रहा है हवा चल रही है।।


खटक गुदगुदी का मज़ा दे रही है।

जिसे इश्क़ कहते हैं शायद यही है।।


चराग़ों के बदले मकाँ जल रहे हैं।

नया है ज़माना नई रौशनी है।।


मिरे राहबर मुझ को गुमराह कर दे।

सुना है कि मंज़िल क़रीब आ गई है।।


अरे ओ जफ़ाओं पे चुप रहने वालो।

ख़मोशी जफ़ाओं की ताईद भी है।।


ख़ुमार -ए-बला-नोश तू और तौबा।

तुझे ज़ाहिदों की नज़र लग गई है।।


खुमार बाराबंकवी के शेर.

खुमार बाराबंकवी शायरी


1. दूसरों पर अगर तब्सिरा कीजिए।

सामने आइना रख लिया कीजिए।।


Doosaron par agar tabsira keejie

saamane aaina rakh liya keejie.


judge others

put a mirror in front of you 


~Khumar Barabankavi


Khumar Barabankvi poetry





2.सुना है हमें वो भुलाने लगे हैं।

तो क्या हम उन्हें याद आने लगे हैं।।


Suna hai hamen vo bhulaane lage hain

to kya ham unhen yaad aane lage hain 


I have heard that they have started forgetting us.

so are we starting to miss them.


Khumar barabankavi shayari in Hindi  


3. वही फिर मुझे याद आने लगे हैं।

जिन्हें भूलने में ज़माने लगे हैं।।


vahee phir mujhe yaad aane lage hain

jinhen bhoolane mein zamaane lage hain 


I'm starting to miss it 

again that have taken ages to forget


Khumar  barabankavi shayari in English 


4. दुश्मनों से प्यार होता जाएगा।

दोस्तों को आज़माते जाइए।।


Dushmanon se pyaar hota jaega

doston ko aazamaate jaie.


enemies will fall in love

keep trying friends.


खुमार बाराबंकवी के शायरी 


5. ख़ुदा बचाए तिरी मस्त मस्त आँखों से।

फ़रिश्ता हो तो बहक जाए आदमी क्या है।।


Khuda bachae tiree mast mast aankhon se

farishta ho to bahak jae aadamee kya hai 


God save you from your cool eyes

 If you are an angel, then what is a man?


Best shayari of khumar barabankvi 


6. मोहब्बत को समझना है तो नासेह ख़ुद मोहब्बत कर।

किनारे से कभी अंदाज़ा-ए-तूफ़ाँ नहीं होता।।


mohabbat ko samajhana hai to naaseh khud mohabbat kar

kinaare se kabhee andaaza-e-toofaan nahin hota 


If you want to understand love, then love yourself

There is never a forecast of a storm from the shore. 

खुमार के मोहब्बत भरे शेर 


7. ऐसा नहीं कि उन से मोहब्बत नहीं रही।

जज़्बात में वो पहली सी शिद्दत नहीं रही।।


Aisa nahin ki un se mohabbat nahin rahee.

jazbaat mein vo pahalee see shiddat nahin rahee. 


It's not that i don't love them

 She is not the same intensity in emotion. 


Love shayari 


8.याद करने पे भी दोस्त आए न याद।

दोस्तों के करम याद आते रहे.।। 


Yaad karane pe bhee dost aae na yaad

doston ke karam yaad aate rahe.


Friends don't come even after remembering

remember the deeds of friends.


खुमार बाराबंकवी शायरी 


9. चराग़ों के बदले मकाँ जल रहे हैं।

नया है ज़माना नई रौशनी है।।


charaagon ke badale makaan jal rahe hain

naya hai zamaana naee raushanee hai 


Houses are burning instead of lamps

new time new light. 


Khumar barabankavi ke shere


10. हाथ उठता नहीं है दिल से ख़ुमार।

हम उन्हें किस तरह सलाम करें।।


Charaagon ke badale makaan jal rahe hain

naya hai zamaana naee raushanee hai. 


Houses are burning instead of lamps

 new time new light.

~Khumar barabankavi 
















एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ