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Javed Akhtar: सदी के सबसे बड़े शायर, फिल्म स्क्रिप्ट राइटर, गीतकार, जावेद अख़्तर का जन्म 17 जनवरी 1945 को ग्वालियर में हुआ था, इनके पिता का नाम जां निसार अख़्तर था, जो पेशे से एक बेहतरीन शायर थे, अगर जावेद अख्तर ( Javed Akhtar) का खानदान देखा जाए तो इनके दादा पर दादा से लेकर पूरा खानदान उर्दू शायरी { Urdu Shayari } को बढ़ावा देने और उर्दू जबान को बचाने के लिए जाना जाता है। जावेद अख्तर के दादा मुज्तर खैराबादी जिन्होंने अपनी मां हिरमां खैराबादी से उर्दू शायरी { Urdu shayari } सीखी। और शायरी को आगे बढ़ाया
फ़िर मुज्तर खैराबादी के बेटे जां निसार अख़्तर ( Jan Nisar Akhtar ) फ़िर इनके बेटे सलमान अख़्तर और जावेद अख्तर { Javed Akhtar } हैं
जावेद अख्तर के दो चचा { Uncle} भी उर्दू के बहुत बड़े शायर रह चुके है जिनका नाम "यादगार हुसैन नश्तर खैराबादी" और असरार उल-हक़ "मजाज़"
ये सभी शायर अपने जमाने के माने जाने शख्सियत और शायर रह चुके हैं।
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जावेद अख़्तर ( फ़ोटो सोशल मीडिया) |
अब आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि जावेद अख़्तर आज के युग के कितने बड़े शायर हैं। आइए आप को बताते हैं जावेद अख़्तर के खानदान के लिखें कुछ शेर...👇
आलम की मुश्किलात को आसाँ बनाइए
अब दर्द-ए-दिल को माया-ए-ईमाँ बनाइए
~हिरमाँ खैराबादी
वक़्त दो मुझ पर कठिन गुज़रे हैं सारी उम्र में
इक तिरे आने से पहले इक तिरे जाने के बाद
~मुज्तर खैराबादी
ये इल्म का सौदा ये रिसाले ये किताबें
इक शख़्स की यादों को भुलाने के लिए हैं
~जां निशार अख़्तर
ऊँची इमारतों से मकाँ मेरा घिर गया
कुछ लोग मेरे हिस्से का सूरज भी खा गए
~जावेद साहब
इक वही शख़्स मुझ को याद रहा
जिस को समझा था भूल जाऊँगा
~सलमान अख़्तर
फिर तेरी याद दिलाते हैं मुझे
लोग दानिस्ता सताते हैं मुझे
~यादगार
हुस्न को बे-हिजाब होना था
शौक़ को कामयाब होना था
~ असरार उल हक़ मजाज़
सोचिए कितनी लंबा उर्दू शायरी से ताल्लुक रखते हैं जावेद अख्तर साहब इन्होंने ही शोले और दीवार जैसी फिल्में लिखी है । आइए जानते हैं जावेद अख़्तर के गजले और शेर....
जावेद अख्तर गज़ल / Javed Akhtar Ghazals
• याद उसे भी एक अधूरा अफ़्साना तो होगा।
कल रस्ते में उस ने हम को पहचाना तो होगा।।
डर हम को भी लगता है रस्ते के सन्नाटे से।
लेकिन एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा।।
कुछ बातों के मतलब हैं और कुछ मतलब की बातें।
जो ये फ़र्क़ समझ लेगा वो दीवाना तो होगा।।
दिल की बातें नहीं है तो दिलचस्प ही कुछ बातें हों।
ज़िंदा रहना है तो दिल को बहलाना तो होगा।।
Javed Akhtar ke Best gajal
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Javed Akhtar shayari |
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• वो ज़माना गुज़र गया कब का।
था जो दीवाना मर गया कब का।।
वो जो लाया था हम को दरिया तक।
पार अकेले उतर गया कब का।।
ढूँढता था जो इक नई दुनिया।
लूट के अपने घर गया कब का।।
उस का जो हाल है वही जाने।
अपना तो ज़ख़्म भर गया कब का।।
ख़्वाब-दर-ख़्वाब था जो शीराज़ा।
अब कहाँ है बिखर गया कब का।।
जावेद अख़्तर ग़ज़ल
• दर्द अपनाता है पराए कौन।
कौन सुनता है और सुनाए कौन।।
कौन दोहराए फिर वही बातें।
ग़म अभी सोया है जगाए कौन।।
वो जो अपने हैं क्या वो अपने हैं।
कौन दुख झेले आज़माए कौन।।
आज फिर दिल है कुछ उदास उदास।
देखिए आज याद आए कौन।।
अब सुकूँ है तो भूलने में है।
लेकिन उस शख़्स को भुलाए कौन।।
जावेद अख़्तर शायरी / Javed Akhtar shayari
• कभी जो ख़्वाब था वो पा लिया है।
मगर जो खो गई वो चीज़ क्या थी।
Kabhee jo khvaab tha vo pa liya hai
magar jo kho gaee vo cheez kya thee
Javed Akhtar motivation shayari
• तब हम दोनों वक़्त चुरा कर लाते थे।
अब मिलते हैं जब भी फ़ुर्सत होती है।।
Tab ham donon vaqt chura kar laate the
ab milate hain jab bhee fursat hotee hai
~Javed Akhtar
Javed Akhtar shayari in Hindi
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Javed Akhtar shayari |
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• इन चराग़ों में तेल ही कम था।
क्यूँ गिला फिर हमें हवा से रहे।।
In charagon men tel hi kam tha ccun gila fir humen hawa se rahe
~जावेद Akhtar
Javed Akhtar Best Shayari
• इसी जगह इसी दिन तो हुआ था ये एलान।
अँधेरे हार गए ज़िंदाबाद हिन्दोस्तान।।
Isi jagah isi din to hua tha ye elan andhere har gaye zindabad hindostan
~Javed Akhtar
Javed Akhtar love shayari
•हम तो बचपन में भी अकेले थे।
सिर्फ़ दिल की गली में खेले थे।।
Hum to bachpan men bhi akele the sirf dil ki gali men khele the.
~ Javed Akhtar
Javed Akhtar shayari in Hindi
• मैं पा सका न कभी इस ख़लिश से छुटकारा।
वो मुझ से जीत भी सकता था जाने क्यूँ हारा।।
Mai pa saka n kabhi is khalish se chhutkara vo mujh se jeet bhi sakta tha jane ccun hara
~ Javed Akhtar
Javed Akhtar shayari 2023
• तुम ये कहते हो कि मैं ग़ैर हूँ फिर भी शायद।।
निकल आए कोई पहचान ज़रा देख तो लो।।
Tum ye kahte ho ki man gair hun fir bhi shayad nical aaye koi pahchan zra dekh to lo.
~ Javed Akhtar
Javed Akhtar poetry
•मुझे मायूस भी करती नहीं है।।
यही आदत तिरी अच्छी नहीं है।।
Mujhe mayus bhi karti nahi hai yahi aadat tiri achhi nahi hai
~Javed Akhtar
Javed Akhtar Nazm/ जावेद अख़्तर नज़्म
• बहाना ढूँडते रहते हैं कोई रोने का।
हमें ये शौक़ है क्या आस्तीं भिगोने का।
bahana dhundate rahate han koi rone ka humen ye shauk hai kya aastin bhigone ka.
~ Javed Akhtar
जावेद अख़्तर शायरी हिंदी में
•ग़ैरों को कब फ़ुर्सत है दुख देने की।
जब होता है कोई हमदम होता है।।
Gairon ko kab furst hai dukh dene ki jab hota hai koi hmedm hota hai.
~जावेद अख्तर
जावेद अख़्तर शायरी
• इक मोहब्बत की ये तस्वीर है दो रंगों में ।।
शौक़ सब मेरा है और सारी हया उस की है।।
Ek mohabet ki ye tasweer hai do rangon men shauk sab mera hai aur sari hya use ki hai
~जावेद अख्तर
Javed Akhtar shayari in English
• हर तरफ़ शोर उसी नाम का है दुनिया में ।।
कोई उस को जो पुकारे तो पुकारे कैसे।।
Har tarf shor usi nam ka hai duniya men koi use ko jo pukare to pukare kaise
~ जावेद अख़्तर
जावेद अख़्तर के शेर
• हमारे शौक़ की ये इंतिहा थी।।
क़दम रक्खा कि मंज़िल रास्ता थी।।
Humare shauk ki ye intiha thi kadm rakkha ki manzil rasta thi
~Javed akhtar
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