Gulzar shayari : Gulzar poetry , Gulzar biography , ghazal and Best Sher read..

Gulzar biography: प्रिय दोस्तों आज हम इस आर्टिकल ( Artical) में मशहूर शायर, लेखक ( writer) और फ़िल्म निर्माता ( Director) गुलज़ार ( Gulzar) के बारे में बताने जा रहें हैं, इस लेख में गुलज़ार का जीवन परिचय, गुलज़ार के शायरी, गुलज़ार के ग़ज़ल बताने जा रहे हैं। दोस्तों इस लेख में आप को गुलज़ार के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी।

दोस्तों मशहूर उर्दू शायर ( Urdu poet) गुलज़ार (Gulzar) का जन्म 18 अगस्त 1934 को दीना (Deena) पंजाब (panjab)में हुआ था,जो अब  पाकिस्तान ( pakistan) में हैं , गुलज़ार का असली नाम संपूर्ण सिंह कालरा (Sampooran Singh Kalra) हैं इनके पिता का नाम माखन सिंह कालरा तथा माता का नाम सुजान कौर था । गुलज़ार सिख परिवार से ताल्लुक रखते हैं। गुलज़ार बचपन से स्कूल में रविन्द्र नाथ टैगोर के अनुवाद किए रचनाओं पढ़ते थे, किंतु बटवारा के समय गुलज़ार की पढ़ाई छूट गई और परिवार अगल विलग हो गया, जिसके बाद गुलजार परिवार का पेट भरने के लिए मुंबई चले आए और यहां एक पुरानी गैरेज में कार पेंट ( car painting ) का काम करने लगें। गुलज़ार काम के साथ साथ शेर, ग़ज़ल और चित्रकारी भी करते थे, लिहाज़ा उस समय मुंबई में हिंदी सिनेमा का प्रचलन बढ़ने लगी और गुलज़ार को फिल्मों में गीत लिखने का मौका मिल गया, उसके बाद गुलज़ार ने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा और एक से बढ़कर एक गीत लिखें, जो आज अमर गीतों में गिना जाता हैं। इसके साथ गुलजार ने बच्चों के लिए जंगल बुक ( Jungal book) और लकड़ी की काठी काठी पर घोड़ा जैसे गीतों को भी लिखा हैं। गुलजार आज के युवाओं के सबसे पसंददीदा शायर माने जाते हैं,। 


गुलज़ार शायरी ( फ़ोटो सोशल मीडिया)

Guzar ki likhi kitabein/ गुलजार की लिखीं किताबें. 

किताबें गुलज़ार


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रात पश्मीने की

रावी पार

धुआं 

मिर्जा गालिब एक जीवनी

आधा रुपये की कहानियां

पुखराज

परवाज़ 

मीलो से दिन


गुलज़ार को कई अवॉर्ड से अब तक किया जा चुका हैं सम्मानित.


गुलज़ार को अब तब  कुल 36 पुरस्कार और सम्मान मिले हैं, जिसमें 5 राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार , 22 फिल्मफेयर पुरस्कार , 1999-2000 के लिए मध्य प्रदेश सरकार से राष्ट्रीय किशोर कुमार सम्मान, 1 अकादमी पुरस्कार शामिल हैं। सर्वश्रेष्ठ मूल गीत (2008), 1 ग्रैमी पुरस्कार (2010), 2002 उर्दू के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार , पद्म भूषण (2004), और 2013 दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका हैं। 


गुलज़ार की गजलें/ Ghazals of Gulzar

Gulzar Collection

👉 • दर्द हल्का है साँस भारी है।
जिए जाने की रस्म जारी है।।

रात को चाँदनी तो ओढ़ा दो।
दिन की चादर अभी उतारी है।।

आप के बाद हर घड़ी हम ने।
आप के साथ ही गुज़ारी है।।

कल का हर वाक़िआ तुम्हारा था।
आज की दास्ताँ हमारी है।।


गुलज़ार की शायरी 


Gulzar Ghazal in Hindi 

गुलज़ार के मशहूर ग़ज़ल 



👉 • कोई ख़ामोश ज़ख़्म लगती है।
ज़िंदगी एक नज़्म लगती है।।

अपने साए पे पाँव रखता हूँ।
छाँव छालों को नर्म लगती है।।

ये रिवायत कि दर्द महके रहें।
दिल की देरीना रस्म लगती है।।

चाँद की नब्ज़ देखना उठ कर।
रात की साँस गर्म लगती है।।


Gulzar famous Ghazal 

गुलज़ार के प्रसिद्ध ग़ज़ल 


👉 • फूलों की तरह लब खोल कभी
ख़ुशबू की ज़बाँ में बोल कभी

अनमोल नहीं लेकिन फिर भी
पूछ तो मुफ़्त का मोल कभी

अल्फ़ाज़ परखता रहता है
आवाज़ हमारी तोल कभी

खिड़की में कटी हैं सब रातें
कुछ चौरस थीं कुछ गोल कभी


Gulzar ghazal lyrics

गुलज़ार के ग़ज़ल हिंदी में 



👉• हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते।
वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते।।

लग के साहिल से जो बहता है उसे बहने दो।
ऐसे दरिया का कभी रुख़ नहीं मोड़ा करते।।


शहद जीने का मिला करता है थोड़ा थोड़ा।
जाने वालों के लिए दिल नहीं थोड़ा करते।।

जा के कोहसार से सर मारो कि आवाज़ तो हो।
ख़स्ता दीवारों से माथा नहीं फोड़ा करते।।

Gulzar Ghazals list 

Best ghazals of Gulzar 


Gulzar shayari 



👉• बे-सबब मुस्कुरा रहा है चाँद।
कोई साज़िश छुपा रहा है चाँद।।

कितना ग़ाज़ा लगाया है मुँह पर।
धूल ही धूल उड़ा रहा है चाँद।।

जाने किस की गली से निकला है।
झेंपा झेंपा सा आ रहा है चाँद।।

छू के देखा तो गर्म था माथा।
धूप में खेलता रहा है चाँद।।

कैसा बैठा है छुप के पत्तों में।
बाग़बाँ को सता रहा है चाँद।।




गुलज़ार के नज़्म/ Gulzar ke nazm

गुलजार की कविताएं

          ( आदत)

साँस लेना भी कैसी आदत है.
जिए जाना भी क्या रिवायत है
कोई आहट नहीं बदन में कहीं
कोई साया नहीं है आँखों में
पाँव बेहिस हैं चलते जाते हैं।
इक सफ़र है जो बहता रहता है
कितने बरसों से कितनी सदियों से
जिए जाते हैं जिए जाते हैं।
आदत भी अजीब होती हैं.....


Gulzar nazm lyrics


      ( नज़्म/ Nazm)

नज़्म उलझी हुई है सीने में
मिसरे अटके हुए हैं होंटों पर
लफ़्ज़ काग़ज़ पे बैठते ही नहीं।
उड़ते फिरते हैं तितलियों की तरह
कब से बैठा हुआ हूँ मैं जानम
सादा काग़ज़ पे लिख के नाम तिरा।


गुलज़ार शायरी / Gulzar shayari


👉• आइना देख कर तसल्ली हुई।
हम को इस घर में जानता है कोई।।

Aaina dekh kar tasallee huee.
ham ko is ghar mein jaanata hai koee. 

~गुलज़ार 


गुलजार की शायरी दर्द भरी


👉• ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा।
क़ाफ़िला साथ और सफ़र तन्हा।। 

Zindagee yoon huee basar tanha
qaafila saath aur safar tanha.

~Gulzar


गुलजार शायरी दोस्ती


Gulzar shayari in hindi 


👉• वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर।
आदत इस की भी आदमी सी है।।

vaqt rahata nahin kaheen tik kar
aadat is kee bhee aadamee see hai.

~गुलज़ार

गुलजार शायरी Love


👉• जिस की आँखों में कटी थीं सदियाँ।
उस ने सदियों की जुदाई दी है।।

Jis kee aankhon mein katee theen sadiyaan
us ne sadiyon kee judaee dee hai.

~Gulzar


Heart touching गुलजार की शायरी

👉• हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते।
वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते।।



Haath chhooten bhee to rishte nahin chhoda karate
vaqt kee shaakh se lamhe nahin toda karate.

~गुलजार


गुलजार शायरी Motivational


👉• ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने में।
एक पुराना ख़त खोला अनजाने में।।


Khushaboo jaise log mile afsaane mein.
ek puraana khat khola anajaane mein. 

~Gulzar 

गुलजार की शायरी दर्द भरी

Gulzar poetry in Hindi


Gulzar poetry 


👉• जब भी ये दिल उदास होता है।
जाने कौन आस-पास होता है।। 


jab bhee ye dil udaas hota hai.
jaane kaun aas-paas hota hai.

~गुलज़ार

Gulzar poetry Love

गुलजार पोएट्री इन हिंदी

👉• सहमा सहमा डरा सा रहता है।
जाने क्यूँ जी भरा सा रहता है।।


sahama sahama dara sa rahata hai.
jaane kyoon jee bhara sa rahata hai.

~Gulzar


Gulzar poetry On life in English

👉• उसी का ईमाँ बदल गया है।
कभी जो मेरा ख़ुदा रहा था।। 


usee ka eemaan badal gaya hai.
kabhee jo mera khuda raha tha.
~गुलज़ार

Gulzar poetry on Life


👉• फिर वहीं लौट के जाना होगा।
यार ने कैसी रिहाई दी है।।


phir vaheen laut ke jaana hoga.
yaar ne kaisee rihaee dee hai.
~Gulzar


गुलज़ार शायरी 



गुलजार शायरी प्यार


👉• ये शुक्र है कि मिरे पास तेरा ग़म तो रहा।
वगर्ना ज़िंदगी भर को रुला दिया होता।।

Ye shukr hai ki mire paas tera gam to raha
vagarna zindagee bhar ko rula diya hota.
~गुलज़ार

Gulzar Shayari in Hindi 2 Lines


👉• चूल्हे नहीं जलाए कि बस्ती ही जल गई।
कुछ रोज़ हो गए हैं अब उठता नहीं धुआँ।। 


Choolhe nahin jalae ki bastee hee jal gaee.
kuchh roz ho gae hain ab uthata nahin dhuaan.

~Gulzar


gulzar quotes,
motivational

👉• नाख़ुदा देख रहा है कि मैं गिर्दाब में हूँ।
और जो पुल पे खड़े लोग हैं अख़बार से हैं।।

Naakhuda dekh raha hai ki main girdaab mein hoon
aur jo pul pe khade log hain akhabaar se hain.

~गुलज़ार

gulzar shayari sad

👉• आप के बाद हर घड़ी हम ने।
आप के साथ ही गुज़ारी है।।

Aap ke baad har ghadi ham ne
Aap ke saath hi gujari hai.

~ Gulzar 

Gulzar love shayari/ गुलजार की प्यार भरी शायरी 


👉• जिस की आँखों में कटी थीं सदियाँ।
उस ने सदियों की जुदाई दी है।। 

Jis kee aankhon mein katee theen sadiyaan
us ne sadiyon kee judaee dee hai.

~गुलज़ार 




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1 टिप्पणियाँ

Unknown ने कहा…
Best post by tsnnnews ♥️♥️