Wasim Barelvi : वसीम बरेलवी शायरी, wasim Barelvi shayari and Ghazal

(वसीम बरेलवी जीवन परिचय . wasim Barelvi Biography)

Wasim Barelvi Shayari :
प्रिय दोस्तो आज हम आपको इस सदी के सबसे बेहतरीन शायर वसीम बरेलवी ( Wasim Barelvi ) के शेर और गज़ल के बारे में बताने जा रहा हू. वसीम बरेलवी ( Wasim Barelvi) का जन्म 8 फ़रवरी 1940 को उत्तर प्रदेश के बरेली में हुआ था. वसीम बरेलवी (Wasim Barelvi ) का असली नाम जाहिद हुसैन Zahid Hussain) है. वसीम बरेलवी आगरा विश्वविद्यालय से उर्दू से एम.ए ( M.A ) किया. वसीम बरेलवी उर्दू शायरी के बेहतरीन शायरी हैं और इनके लिखे कलाम देश विदेश में बहुत मशहूर हैं, आइए जानते हैं वसीम बरेलवी के बेहतरीन शेर और गजलें..


(वसीम बरेलवी शायरी)

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Waseem Barelvi Ghazal /  वसीम बरेलवी की गजलें

अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपाएँ कैसे।
तेरी मर्ज़ी के मुताबिक़ नज़र आएँ कैसे।।

लाख तलवारें बढ़ी आती हों गर्दन की तरफ़।
सर झुकाना नहीं आता तो झुकाएँ कैसे।।

घर सजाने का तसव्वुर तो बहुत ब'अद का है।
पहले ये तय हो कि इस घर को बचाएँ कैसे।।

फूल से रंग जुदा होना कोई खेल नहीं।
अपनी मिट्टी को कहीं छोड़ के जाएँ कैसे।।

क़हक़हा आँख का बरताव बदल देता है।
हँसने वाले तुझे आँसू नज़र आएँ कैसे।।

जिस ने दानिस्ता किया हो नज़र-अंदाज़ वसीम।
उस को कुछ याद दिलाएँ तो दिलाएँ कैसे।।

Waseem Barelvi Ghazal in Hindi 

आते आते मिरा नाम सा रह गया।
उस के होंटों पे कुछ काँपता रह गया।।

वो मिरे सामने ही गया और मैं।
रास्ते की तरह देखता रह गया।।

रात मुजरिम थी दामन बचा ले गई।
दिन गवाहों की सफ़ में खड़ा रह गया।।

झूट वाले कहीं से कहीं बढ़ गए।
और मैं था कि सच बोलता रह गया।।

आँधियों के इरादे तो अच्छे न थे।
ये दिया कैसे जलता हुआ रह गया।।

उस को काँधों पे ले जा रहे हैं वसीम।
और वो जीने का हक़ माँगता रह गया।।

Best Ghazal of Wasim Barelvi 

दुख अपना अगर हम को बताना नहीं आता।
तुम को भी तो अंदाज़ा लगाना नहीं आता।।

मैं भी उसे खोने का हुनर सीख न पाया।
उस को भी मुझे छोड़ के जाना नहीं आता।।

पहुँचा है बुज़ुर्गों के बयानों से जो हम तक।
क्या बात हुई क्यूँ वो ज़माना नहीं आता।।

इस छोटे ज़माने के बड़े कैसे बनोगे।
लोगों को जब आपस में लड़ाना नहीं आता।।

तारीख़ की आँखों में धुआँ हो गए ख़ुद ही।
तुम को तो कोई घर भी जलाना नहीं आता।।

ढूँढे है तो पलकों पे चमकने के बहाने।
आँसू को मिरी आँख में आना नहीं आता।।

वसीम बरेलवी बेस्ट ग़ज़ल 

• अपने अंदाज़ का अकेला था।
इस लिए मैं बड़ा अकेला था।।

प्यार तो जन्म का अकेला था।
क्या मिरा तजरबा अकेला था।।

साथ तेरा न कुछ बदल पाया।
मेरा ही रास्ता अकेला था।।

तेरी समझौते-बाज़ दुनिया में।
कौन मेरे सिवा अकेला था।।

जो भी मिलता गले लगा लेता।
किस क़दर आइना अकेला था।।

Wasim Barelvi ghazal 

• तू समझता है कि रिश्तों की दुहाई देंगे।
हम तो वो हैं तिरे चेहरे से दिखाई देंगे।।

फ़ैसला लिक्खा हुआ रक्खा है पहले से ख़िलाफ़।
आप क्या ख़ाक अदालत में सफ़ाई देंगे।।

हम को महसूस किया जाए है ख़ुश्बू की तरह।
हम कोई शोर नहीं हैं जो सुनाई देंगे ।।

पिछली सफ़ में ही सही है तो इसी महफ़िल में।
आप देखेंगे तो हम क्यूँ न दिखाई देंगे।।

वसीम बरेलवी के मशहूर गजलें 

• मैं आसमाँ पे बहुत देर रह नहीं सकता।
मगर ये बात ज़मीं से तो कह नहीं सकता।।

किसी के चेहरे को कब तक निगाह में रक्खूँ।
सफ़र में एक ही मंज़र तो रह नहीं सकता।।

सहारा लेना ही पड़ता है मुझ को दरिया का।
मैं एक क़तरा हूँ तन्हा तो बह नहीं सकता।।

ये आज़माने की फ़ुर्सत तुझे कभी मिल जाए।
मैं आँखों आँखों में क्या बात कह नहीं सकता।।

Wasim Barelvi shayari 



Waseem Barelvi Shayari 

जहाँ रहेगा वहीं रौशनी लुटाएगा।
किसी चराग़ का अपना मकाँ नहीं होता।।

Jahaan rahega vaheen raushanee lutaega.
kisee charaag ka apana makaan nahin hota.

~Wasim Barelvi 


वसीम बरेलवी के मशहूर शेर 

आसमाँ इतनी बुलंदी पे जो इतराता है।
भूल जाता है ज़मीं से ही नज़र आता है।।

Aasamaan itanee bulandee pe jo itaraata hai.
bhool jaata hai zameen se hee nazar aata hai.

वसीम बरेलवी 1000 शेर

दुख अपना अगर हम को बताना नहीं आता।
तुम को भी तो अंदाज़ा लगाना नहीं आता।।

Dukh apana agar ham ko bataana nahin aata.
tum ko bhee to andaaza lagaana nahin aata.

वसीम बरेलवी शायरी 

• वो झूट बोल रहा था बड़े सलीक़े से।
मैं एतिबार न करता तो और क्या करता।। 

Vo jhoot bol raha tha bade saleeqe se.
main etibaar na karata to aur kya karata.
~ Wasim Barelvi

Wasim Barelvi shayari in hindi 

• रात तो वक़्त की पाबंद है ढल जाएगी।
देखना ये है चराग़ों का सफ़र कितना है।।


Raat to vaqt kee paaband hai dhal jaegee.
dekhana ye hai charaagon ka safar kitana hai.
~Vaseem Barelvi

Wasim Barelvi Poetry 

•तुम आ गए हो तो कुछ चाँदनी सी बातें हों।
ज़मीं पे चाँद कहाँ रोज़ रोज़ उतरता है।।

Tum aa gae ho to kuchh chaandanee see baaten hon
zameen pe chaand kahaan roz roz utarata hai.

~वसीम बरेलवी

Wasim Barelvi shayari 2023

• शर्तें लगाई जाती नहीं दोस्ती के साथ।
कीजे मुझे क़ुबूल मिरी हर कमी के साथ।।

Sharten lagaee jaatee nahin dostee ke saath
keeje mujhe qubool miree har kamee ke saath.
~Wasim Barelvi

वसीम बरेलवी कि शायरी 

•फूल तो फूल हैं आँखों से घिरे रहते हैं।
काँटे बे-कार हिफ़ाज़त में लगे रहते हैं।।

Phool to phool hain aankhon se ghire rahate hain
kaante be-kaar hifaazat mein lage rahate hain.
~वसीम बरेलवी

Wasim Barelvi ke top sher 

• शाम तक सुब्ह की नज़रों से उतर जाते हैं।
इतने समझौतों पे जीते हैं कि मर जाते हैं।। 

Shaam tak subh kee nazaron se utar jaate hain
itane samajhauton pe jeete hain ki mar jaate hain.
~Wasim Barelvi

Wasim Barelvi love shayari 

वसीम बरेलवी शायरी 



•मैं बोलता गया हूँ वो सुनता रहा ख़ामोश।
ऐसे भी मेरी हार हुई है कभी कभी।।

Main bolata gaya hoon vo sunata raha khaamosh
aise bhee meree haar huee hai kabhee kabhee.
~Wasim Barelvi


वसीम बरेलवी शायरी 

• झूट वाले कहीं से कहीं बढ़ गए।
और मैं था कि सच बोलता रह गया।।

Jhoot vaale kaheen se kaheen badh gae
aur main tha ki sach bolata rah gaya.

~Wasim Barelvi 

Best Wasim Barelvi shayari 


• झूट के आगे पीछे दरिया चलते हैं।।
सच बोला तो प्यासा मारा जाएगा।।

Jhoot ke aage peechhe dariya chalate hain
sach bola to pyaasa maara jaega
~Vaseem Barelvi 

Wasim Barelvi शायरी 

•हम ये तो नहीं कहते कि हम तुझ से बड़े हैं।
लेकिन ये बहुत है कि तिरे साथ खड़े हैं।।

Ham ye to nahin kahate ki ham tujh se bade hain
lekin ye bahut hai ki tire saath khade hain

~Wasim Barelvi 

वसीम बरेलवी 100 शायरी 

• लहू न हो तो क़लम तर्जुमाँ नहीं होता।
हमारे दौर में आँसू ज़बाँ नहीं होता।। 

Lahoo na ho to qalam tarjumaan nahin hota
hamaare daur mein aansoo zabaan nahin hota.
~Wasim Barelvi 



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