और वर्तमान में मुख्य न्याय धीस हैं, यू यू ललित
का पूरा नाम "उदय उमेश ललित" हैं ये 9 नवंबर
1957 को सोलापुर मुंबई में जन्मे थे। इनके पिता
और दादा दोनों ही शुरुआत में वकील और बाद
में जज बने, ठीक इसी परंपरा की शुरुआत यू यू
ललित ने भी किया पहले सुप्रीम कोर्ट में एक
मुख्य वकील के तौर पर अपना पहचान बनाया,
हालाकि यू यू ललित ने वकील रहते बहुत बड़े बंदे
काम किया जिससे इन्हे सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ
वकीलों में शामिल किया गया।
( यू यू ललित फाइल फ़ोटो)
यू यू ललित का बीजेपी से क्या है
रिश्ता?
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ये बात है जुड़ती हैं सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर
से जिसमें सोहराबुद्दीन शेख अपनी पत्नी कौसर
बी के साथ बस से हैदराबाद से अहमदाबाद जा
रहे थे लेकिन रात को करीब 1:30 बजे गुजरात
पुलिस ने बस को रोक कर सोहराबुद्दीन और
उनकी पत्नी को उतार लिया और बस को जानें
दिया और उसके तीन दिन बाद 26 नवंबर 2005
को पुलिस द्वारा अमित शाह के इसारे पर
एनकाउंटर कर दिया गया। और कुछ महीने बाद
सोहरबुद्दीन के साथी तुलसी प्रजापति का भी
एनकाउंटर कर के मार दिया गया।
इसके बाद सोहराबुद्दीन का परिवार ने इस मामले
को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया, जहां सुप्रीम
कोर्ट ने इस मामले की जांच सीबीआई (CBI)
और सीआईडी (CID) को जांच करने का आदेश
दिया। जिसके बाद जांच में जिस पुलिस वाले ने
एनकाउंटर किया था उसने बताया कि ये
एनकाउंटर गुजरात के तत्कालीन गृह मंत्री अमित
शाह के कहने पर किया हैं। और इसका
मास्टरमाइंड अमित शाह ही हैं। इसके बाद सुप्रीम
कोर्ट ने अमित शाह को हत्या और सबूत मिटाने
के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया।
गिरफ़्तारी के दौरान अमित शाह ने अपना वकील
यू यू ललित को बनाया, और ये ने अमित
शाह के विश्वास पर खरे उतरे और इतने संगीन
धाराओं में बंद अमित शाह को महज़ 3 महीने के
अंदर जेल से बाहर निकाल दिया।
बस वहीं से अमित शाह के दाहिने हाथ बन गए
यू यू ललित। अमित शाह को मौत के मुंह से
बचा लिया था यू यू ललित ने।
यू यू ललित को बनाया गया सुप्रीम
कोर्ट का मुख्य न्यायधीस
27 अगस्त 2022 को यू यू ललित को सुप्रीम
कोर्ट का मुख्य न्यायधीस बनाया गया इनका
सपथ ग्रहण राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने कराया, और
सबसे मुख्य बात ये है की यू यू ललित को सिर्फ़
74 दिन के लिए ही मुख्य न्यायधीश बनया गया
हैं।
मुख्य न्यायधीश बनते ही बड़े बड़े
फैसलों को हमेशा के लिए बंद कर
दिया..
U.U. Lalit मुख्य न्यायधीस बनते ही अपने
पहले दिन देश के दो बड़े केसों को हमेशा के
लिए बंद कर दिया।
पहला केश गुजरात दंगे की थी जिसमे हजारों
लोगों की जान चली गई थी और कई हज़ार लोग
बेघर हो गए थे, सुप्रीम कोर्ट में ये सभी मामले
चल रहे थे लेकिन ललित जी ने इससे जुड़े जितने
भी मामले थे उन्हे हमेशा के लिए बंद कर दिया।
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दूसरा केश बाबरी मस्जिद को लेकर था जिसमे 6
दिसंबर 1992 को अयोध्या बाबरी मस्जिद को
बीजेपी के लाल कृष्ण आडवाणी के इसरे पर
हजारों कारसेवकों ने मिलकर बाबरी मस्जिद को
शहीद कर दिया। जिसमे देश भर में दंगे हुए और
2200 से अधिक लोगो ने अपनी जान गवां
दिया। इस मामले में कई अधिकारियों के उपर
अवमानना का केश चल रहा था लेकिन यू यू
ललित ने सुनवाई करते हुए इन सभी केशों को
हमेशा के लिए बंद कर दिया।
गौर करने वाली बात ये है की ये दोनों ही केश
बीजेपी से जुड़े थे, और इन सभी केश को हमेशा
के लिए निपटा दिया।
दिया गया।
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