Birth Anniversary: नूह नारवी के शेर और उनका जीवन परिचय जानिए..

Nooh Naravi : Birt anniversary: नूह नारवी आधुनिक उर्दू के मकबूल शायरों में शुमार हैं, इनका जन्म 18 सितंबर 1878 को राय बरेली भारत में हुआ था। इनका पूरा नाम मोहम्मद नूह था, इनके उस्ताद दाग देलहवी थे दाग देलहवी के जानें के बाद उनके उत्तराधिकारी के रूप में काफ़ी मशहूर हुए। इन्होंने ने अपने शायरी में तरह तरह के शब्दों का प्रयोग किया जो लोगो को काफ़ी पसंद आया। उम्मीद फ़ाज़ली और बिस्मिल इलाहाबादी इनके शिष्य थे। 


नूह नारवी ( file photo)


इनके लिखें गज़ल और शेर..


1. आप जिनके क़रीब होते हैं
    वो बड़े खुश नसीब होते हैं

जब तबियत किसी पर आती हैं
मौत के दिन क़रीब होते है 

मुझसे मिलना फिर आप का मिलना 
आप किस को नसीब होते हैं

नूह की कद्र कोई क्या जानें 
कहीं ऐसे अदीब होते हैं।

~नूह नारवी


2. दिल हमारी तरफ़ से साफ़ करो
जो हुआ सो हुआ माफ़ करो 

हुस्न उनको ये राय देता हैं
काम उम्मीद के खिलाफ़ करो

~नूह नारवी

3. कोई नही पछताने वाला
मर जाय मर जाने वाला

मै रोकू लेकिन क्या रोकू 
जायेगा घर जानें वाला

शुक्र खुदा का हम करते हैं
काम आया काम आने वाला

सब्र मेरा बेकार न जाए
तड़पे वो तड़पाने वाला

सबसे मुश्किल बात यहीं हैं
जिंदा हो मर जानें वाला 

जान मेरी है जानें वाली
दिल है उन पर आने वाला

नूह मोहब्बत कि दुनियां में 
हैं  तूफ़ान  उठने  वाला

~ नूह नारवी


4.हम इंतज़ार करें हमको इतनी ताब नहीं
पीला दो तुम हमें पानी अगर शराब नहीं

~नूह नारवी

5. इश्क़ में कुछ नज़र नही आया
जिस तरफ़ देखिए अंधेरा हैं।

~ नूह नारवी

6. दोस्ती को बुरा समझते हैं
क्या समझ है क्या समझते हैं

~नूह नारवी

7. बरसो रहे हैं आप हमारी निगाह में
ये क्या कहां की हम तुम्हें पहचानते नहीं

~ नूह नारवी

8. उनसे सब हाल दगाबाज कहें देते हैं
मेरे हमराज मेरा राज कहें देते हैं

~नूह नारवी

9. वो हाथ में तलवार लिए सर पर खड़े हैं
मरने नहीं देती मरने की खुशी आज

~नूह नारवी


10. गैर का इश्क हैं कि मेरा हैं
साफ़ कह दो अभी सवेरा हैं।

~ नूह नारवी 









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