PM Narendra Modi: कब बोलेंगे मोदी जी? देश में आय दिन नफ़रत का खुले आम धंधा किया जा रहा हैं, न ही इसपर कोई लगाम लगाने वाला है और न ही कोई इन्हें रुकने वाला, जो दिल में आ रहा वो बोल रहे हैं। इस वक्त देश में मुस्लिम समुदाय को जानवर से भी बत्तर समझा जा रहा हैं, बीजेपी के कार्यकर्ता से लेकर सांसद तक मुसलमानों को मारने काटने और आर्थिक बहिष्कार की बात कर रहे हैं, और इस घटना में प्रशासन भी बखूबी साथ दे रहा हैं। नफरत इतनी ज्यादा फैल चुकी हैं की अब इसकी दुर्गन्ध दूसरे देशों तक पहुंच गई और वो भारत का विरोध कर रहे हैं खांडी देशों के लोग और मीडिया भारत में हो रही घटनाओं का विरोध कर रहें हैं..
लेकिन अपने ही देश के पीएम नरेंद्र मोदी अभी तक इन घटनाओं पर एक लफ़्ज़ तक नही बोल पाए हैं, सवाल ये उठता है की क्या नरेंद्र मोदी को इन घटनाओं के बारे में पता ही नही हैं? या फिर इन घटनाओं पर बोलना ही नहीं चाहते हैं? या फ़िर प्रधान मंत्री जी मुसलमानों को पसंद नही करते जो इनके खिलाफ़ हो रही घटनाओं पर चुप हैं?
मन में सवाल कई हैं
जवाब कुछ नही?
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नरेंद्र मोदी फ़ोटो सोशल मीडिया |
बीते कुछ दिनों से देश में घटी बड़ी घटनाएं घटी जिसपर चुप है मोदी जी!
सांसद के नफरती भाषण!
हाल ही में 8 अक्टूबर को दिल्ली के बीजेपी सांसद "परवीन कुमार" ने एक जन सभा को संबोधित किया जिसमे खुले आम मुसलमानों को काटने और इनका आर्थिक बहिष्कार करने की बात कहीं, इनके इस बात पर नीचे बैठी जनता ने ताली बजाकर इनके बात का स्वागत किया, और ऐसा करने के लिए कसमें खाई। इस भाषण के बाद देश में विरोध हो रहा हैं लेकिन अभी तक सांसद पर कोई कार्यवाही नहीं की गई, और न ही बीजेपी के तरफ़ से इनपर कोई एक्शन लिया गया। इतनी बड़ी घटना की बात क्या पीएम नरेंद्र मोदी को नही पता हैं? जबकि "अल जजीरा" चैनल ने भारत में हुए इस घटना का विरोध करते हुए कहा कि..
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अल जजीरा ट्वीट |
"एक भारतीय सांसद ने हिंदुओं की भीड़ को संबोधित किया: मेरे साथ शपथ लें, हम मुसलमानों का स्थायी रूप से बहिष्कार करेंगे, और हम उनकी दुकानों और इनसे कोई सामान नहीं खरीदेंगे, और हम उन्हें नौकरी के अवसर नहीं देंगे"
"मुसलमानों से निपटने का एक ही उपाय है कि आप जहां भी उन्हें देखें, उनका पूरी तरह से बहिष्कार करें। मेरे साथ कसम, हम उनका स्थायी रूप से बहिष्कार करेंगे और हम उनकी दुकानों और कियोस्क से नहीं खरीदेंगे और हम उन्हें नौकरी के अवसर नहीं देंगे, यह एक ऐसा काम करें जिसमें उनके लिए सभी समाधान हों"
इतने कड़े शब्दों में विदेशी मीडिया ने ऐतराज जताया हैं. लेकिन भारत के लोगों को जरा सा भी फ़र्क नही पड़ता, एक प्रकार से देखा जाय तो ये भारत की अंतर्राष्ट्रीय लेवल की बदनामी हैं, पूरे देश को ख़बर हो गई लेकिन भारत के मीडिया और पीएम मोदी को बिलकुल भी खबर नहीं हैं, एकदम अनजान बने हुए हैं, आख़िर क्या मज़बूरी है जो एक बार शांति की अपील नहीं कर पा रहे हैं, आख़िर कब तक ज़ुबान पर ताला लगा रहेगा? इस चुप्पी का मतलब मोदी जी ख़ुद मुसलमानों से नफ़रत करते हैं? और जो हो रहा हैं उनके इशारे पर ? कुछ भी हो इस चुप्पी का परिणाम भयावह होंगे, एक सांसद लेवल का नेता खुले आम मुसलमानों को आर्थिक बहिस्कार और कत्ल की धमकी दे रहा हैं लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई?
नुपुर शर्मा मैटर !
पिछले कुछ महीने पहले एक टीवी चैनल पर नुपुर शर्मा ने खुलेआम मुसलमानों के नबी हज़रत पैगंबर पर अपशब्द बात कहीं जो धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला था, इस घटना पर जम कर बवाल हुआ दंगे हुए, कई बेगुनाहों को मारा गया, कई जगह आगजनी हुई, मैटर इतना बढ़ गया की दर्जनों देश भारत के खिलाफ़ हो गए और वो लगातार नूपुर शर्मा पर कार्यवाही करने की मांग
करने लगे, लेकिन इस पर भारत ने नूपुर शर्मा को गिरफ्तार तक नहीं किया बल्कि मुसलमानों पर ही कार्यवाही कर के उन्हें दोषी साबित कर दिया। इतना बड़ा घटना था की विदेशी देशों को पता चल गया लेकिन प्रधान मंत्री जी इस घटना से अनजान बने रहे और आज तक एक लफ़्ज़ नहीं बोला और शायद ना ही कभी बोले!
बिल्किस बनो केस!
बीते 15 अगस्त को जब प्रधान मंत्री मोदी जी लाल क़िले से बेटियों के सम्मान में भाषण दे रहे थे, तो इसी बीच गुजरात कोर्ट ने bilkis Bano case में 11 आरोपियों को बरी कर दिया जो सामूहिक बलात्कार और 7 लोगों के हत्या के आरोप जैसे गंभीर धाराओं में उम्र कैद की सज़ा काट रहे थे। लेकिन उन्हें छोड़ दिया गया जो कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाता हैं। यहां तक कि इन आरोपियों को छुड़ाने के लिए बनी 10 लोगों की कमेटी में 5 अकेले बीजेपी के लोग थे। जब से इन आरोपियों को छोड़ा गया हैं तब लोग लगातार सवाल पूछ रहे हैं की इस घटना पर प्रधानमंत्री कब बोलेंगे? क्या बेटी की सम्मान की बात सिर्फ़ एक ढोंग हैं? या फ़िर मोदी जी मुसलमानों के बेटियों की बात नही करते?
बीजेपी मंत्री टेनी के विवादित बयान!
कुछ महीने पहले बीजेपी के एक मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने किसानों को कुत्ता से तुलना कर दिया किसान नेता राकेश टिकैत को दो कौड़ी का नेता बताया, और कहा की कभी कुत्ते गाड़ी को देखकर भोकते हैं गाड़ी का पीछा करते हैं, और कभी तो गाड़ी के नीचे आ जाते हैं। इन्होंने अपने इस कथन को लखिम पुर खीरी में इन्हीं के बेटे ने बेगुनाह किसानों पर अपनी गाड़ी से कई किसानों को रौंद दिया था। जिसमे कई किसानों की मौत हो गई थी।
इस घटना पर भी प्रधान मंत्री जी ने अभी तक कुछ नहीं बोला हैं। लोग इंतज़ार कर रहे हैं। की क्या किसानों के प्रति सिर्फ़ संवेदना देते हैं या फ़िर इनका सामना भी करेंगे.?
मंदिर मस्जिद कि घटना
बीते कुछ समय से देश में लगातार मंदिर मस्जिद के नाम पर दंगा हो रहा, अभी हाल ही में सम्भल की भयावह घटना देखने को मिला जिसमें 5 से अधिक निर्दोष लोगों की जाने गई, ये घटना की आग अभी ठंडा भी नहीं हुई थी कि निचली अदालत ने अजमेर शरीफ़ दरगाह की जांच कि आदेश दे दिया, इतनी बड़ी घटनाएं क्या प्रधानमंत्री मोदी जी को नहीं पता है, क्या एक बार शांति का पैग़ाम नहीं दे सकते?
जलते हुए मणिपुर कि घटना
बीते कुछ सालों से भारत का एक राज्य मणिपुर लगातार उपद्रवियों द्वारा जलाया जा रहा हैं, वहां कि प्रशासन अपनी नाकामियां छुपा रहा हैं, हजारों घरों को फूंक दिया गया वहां की बहन बेटियों को बिना कपड़े की सैकड़ों की भीड़ ने पूरे गांव में घुमाया, एक तरफ़ पीएम नरेंद्र मोदी "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं" की बातें करते है, क्या वहां की घटना पीएम मोदी को नहीं दिया? क्या पीएम नरेंद्र मोदी वहां के प्रधानमंत्री नहीं हैं? सवाल कई है जवाब कुछ नहीं।
इनके नेता आय दिन बड़बोले हवाबाजी बयान दे कर माहौल ख़राब करते हैं मगर न प्रशासन इनके खिलाफ कारवाही करता है ना ही पीएम मोदी इन लोगों को शांत रहने की अपील करते हैं.
भाई चारा बढ़ाने की अपील पीएम मोदी क्यों नहीं करते?
देश में इतनी घटनाए हुई हजारों बेगुनाहों की जान गई लेकिन अब वो वक्त आ गया है की प्रधानमंत्री जी एक कॉन्फ्रेंस करे और जनता से आपसी भाई चारा बढ़ाने की अपील करे। अगर ऐसा नहीं करते तो महज़ 1 से दो साल में नफरत की राजनीति अपनी सारी हदें पार कर चुका होगा और इसपर कंट्रोल करना बेहद ही मुश्किल हो जायेगा। नफरती लोग कमज़ोर लोगों पर जुल्मकरेंगे,और उनका जीना मोहाल कर देंगे। और सांप्रदायिक
हिंसा देश का माहौल बिगाड़ने का काम करेगा।
प्रधान मंत्री जी नफरत को मिटाने के लिए एक प्रेस कांफ्रेंस कर के शांति की अपील करिए!
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