Hafiz jaunpuri: हाफिज जौनपुरी के टॉप 11 शेर पढ़िए

Hafiz Jaunpuri : उर्दू शायरी (Urdu shayari) के बेहतरीन शायर हफीज जौनपुरी इनका असली नाम हफीज मोहम्मद अली था इनका जन्म 1865 में जौनपुर भारत (India) में हुआ था। ये बचपन से ही शायरी और उर्दू विधा के शौकीन थे। हाफिज जौनपुरी ने वसीम अजीमाबादी को अपना उस्ताद बनाया और इन्ही से उर्दू शायरी ( Urdu Poetry) के गुण सीखें और गज़ल नज़्म और शेर कहने लगे, धीरे धीरे इनकी शोहरत बढ़ने लगीं और उस दौर के बड़े शायर अमीर मिनाई (Amir  monai) के संपर्क में आ गए और उसके बाद इनके शायरी को मानो पर ही निकल आए हों। 

हाफिज जौनपुरी अपनी ग़ज़ल


“बैठ जाता हूँ जहाँ छाँव घनी होती है

हाए क्या चीज़ ग़रीब-उल-वतनी होती है”


के लिए जाने जाते हैं। और ये इनका मशहूर कलाम भी हैं।


हाफिज जौनपुरी ( फ़ोटो सोशल मीडिया)


हाफिज जौनपुरी के 11 बड़े शेर पढ़िए..


1. सुब्ह को आए हो निकले शाम के

जाओ भी अब तुम मिरे किस काम के


हाथा-पाई से यही मतलब भी था

कोई मुँह चूमे कलाई थाम के


तुम अगर चाहो तो कुछ मुश्किल नहीं

ढंग सौ हैं नामा-ओ-पैग़ाम के


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2. आप ही से न जब रहा मतलब।

फिर रक़ीबों से मुझ को क्या मतलब ।


मेरी इक बात में हैं सौ पहलू।

और सब का जुदा जुदा मतलब।


आरज़ू मेरे दिल की बर आए।

सब का पूरा करे ख़ुदा मतलब।


रुक गई बात ता-ज़बाँ आ कर।

दिल का दिल ही में रह गया मतलब।


ख़ुश हो ना-फ़हम भी समझ के हफ़ीज़ ।

साफ़ ऐसा हो शेर का मतलब।।



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3. पी कर दो घूँट देख ज़ाहिद

क्या तुझ से कहूँ शराब क्या है


4. बहुत दूर तो कुछ नहीं घर मिरा।

चले आओ इक दिन टहलते हुए।।


5. आदमी का आदमी हर हाल में हमदर्द हो।

इक तवज्जोह चाहिए इंसाँ को इंसाँ की तरफ़।।


6.हमें याद रखना हमें याद करना।

अगर कोई ताज़ा सितम याद आए।।


7. बोसा-ए-रुख़्सार पर तकरार रहने दीजिए।

लीजिए या दीजिए इंकार रहने दीजिए।



8. क़ैद में इतना ज़माना हो गया।

अब क़फ़स भी आशियाना हो गया।।


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 9. पहुँचे उस को सलाम मेरा।

भूले से न ले जो नाम मेरा।।



10. पी लो दो घूँट कि साक़ी की रहे बात हफ़ीज़।

साफ़ इंकार से ख़ातिर-शिकनी होती है।।



11. साथ रहते इतनी मुद्दत हो गई।

दर्द को दिल से मोहब्बत हो गई।


दिल की गाहक अच्छी सूरत हो गई।

आँख मिलते ही मोहब्बत हो गई।

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