Jigar muradabadi : Jigar muradabadi Biography (ज़िगर मुरादाबादी जीवन परिचय) (जिगर मुरादाबादी की जीवनी) प्रिय दोस्तों मोहब्बत करने वालों के सबसे पसंदीदा शायर बशीर बद्र ( Bashir Badr) और जिगर मुरादाबादी ( Jigar Muradabadi) को माना जाता हैं, जिगर मुरादाबादी को जितनी शोहरत उस दौर में मिली थी शायद ही किसी शायर को मिली हों। जिगर मुरादाबादी ( jigar muradabadi) का जन्म 6 अप्रैल 1890 को मुरादाबाद भारत में हुआ था, इनका असली नाम अली सिकंदर ( Ali Sikandar ) था। इनके पिता का नाम मौलवी अली नज़र ( molvi ali najar) था ,जो एक बेहतरीन शायर ( Poet) थे , जिगर मुरादाबादी ( Jigar Muradabadi) को शायरी (Poetry) विरासत में मिली थीं ,क्योंकि इनके पिता और चाचा दोनों ही उच्च लहज़े के शायर ( Shayar) थे। और इनकी गिनती रईस और इज़्जत दार लोगों में किया जाता था। जिगर मुरादाबादी ( Jigar muradabadi) के पूर्वज का संबध दिल्ली के शाहजहां दरबार से था, लेकिन इनके पूर्वज शाही क्रोध के कारण दरबार को छोड़कर मुरादाबाद में आ कर बस गए। जिगर मुरादाबादी Jigar muradabadi की शिक्षा ज्यादातर घर पर ही हुई हैं, और यहीं से इनको शायरी का शौक चढ़ा , पढ़ाई के दौरान ही जिगर के वालिद का मौत हो गया, जिसके बाद जिगर मुरादाबादी (Jigar muradabadi ) की परवरिश चाचा मौलवी अली ज़फ़र ( Molvi ali zafer) ने की, जो मुरादाबाद में एक तवायफ से शादी कर रखी थीं, जिगर मुरादाबादी अपनी जवानी के शुरुआती दिनों से ही हुस्न परस्त थे, और हुस्न के दीवाने भी, जब इनकी 15 साल थी तभी मुरादाबाद में एक तहसीलदार की बीवी को दिल दे बैठे और उसको love letter थमा दिया , उस लव लेटर को तहसील दार की बीवी ने जिगर मुरादाबादी के चाचा को थमा दिया। इसका पता लगाते ही, जिगर ( Jigar ) ने घर छोड़ कर निकल दिया और जीते जी अपने चाचा को अपना मुंह नही दिखाया।
![]() |
(जिगर मुरादाबादी) फ़ोटो सोशल मीडिया |
मुरादाबाद से भागने के बाद जिगर आगरा (Agara) पहुंच गए और एक चस्मा कंपनी में काम करने लगें , जिगर मुरादाबादी ( Jigar muradabadi) विद्यार्थी जीवन से ही शराब की लत में आ गए थे, और शराब से ही जिंदगी को आगे बढ़ाने लगे, आगरा ( Agara) में एक वाहिदन नाम की लड़की से इश्क़ हो गया और उससे शादी कर ली, शादी करने के बाद जिगर अपने मां के पास चले आए, और वहीं रहने लगे, कुछ महीने बाद मां का इंतकाल हो गई, । जिगर मुरादाबादी के यहां वहीदन के रिश्ते का आदमी अक्सर आया जाया करता था, कुछ दिनों बाद जब जिगर को अपने बीवी की असलियत पता चला तो बीवी को छोड़कर कहीं और चले गए, 6 महीने तक जिगर को न लौटने पर वहीदन ने उसी लड़के से शादी कर लिया। चाचा और मां की इंतकाल और बीवी की बेवफ़ाई के बाद जिगर मुरादाबादी एक दम से टूट गए और शराब के लत को और बढ़ा लिया, जगह जगह घूमने के बाद जिगर की पहचान एक शायर के तौर पर होने लगी और शायरी भी कहने लगें। इनके बाद जिगर ने एक गायिका सिरजन से प्रेम विवाह किया लेकिन कुछ दिनों बाद यह विवाह भी तलक में बदल गया, । कुछ दिनों बाद जिगर ने नसीम नाम की लड़की से शादी कर ली, लेकिन किसी कारण नसीम को तलाक़ देकर नसीम की शादी असगर नाम एक एक व्यक्ति से करवा दिया, कुछ सालों में असगर की मृत्यु हो गई और नसीम विधवा हो गई, जिसके बाद जिगर ने नसीम से फिर शादी किया, इस शादी के बदले नसीम ने जिगर से शराब छोड़ने को कहां जिसपर जिगर भी राजी हो गए उसके बाद जिगर मजहबी बन गए और कभी शराब को हाथ नहीं लगाया, अपने अंदर के तमाम बुराई को मिटा दिया और शायरी पर ध्यान देने लगे, और बीवी से मोहब्बत करने लगें।
इसे भी पढ़ें 👉 गुलज़ार की शायरी
अब जिगर मुराबादी पूरी तरह से ईमान पर आ गए, हज करने की इच्छा ज़ाहिर की और खुदा ने कबूल कर लिया, सन 1953 में हज ( Hajj) मुकम्मल कर लिया,। सन 1958 में दिल और दिमाग़ पर जिगर काबू नही कर पाए और बीमार पड़ गए, लखनऊ ( Lucknow) में भर्ती किया गया नींद की गोलियां खाने के बाद भी नींद नहीं आती थी , जिगर ऑक्सीजन पर ही रहने लगें, और 9 सितंबर 1960 को जिगर इस दुनियां को छोड़कर अनंत की ओर चले गए और अपने पूछे लिखे शेरों को छोड़ गए। जो आज तक अमर हैं।
इसे भी पढ़ें 👉 इंकलाब पर बेहतरीन शेर पढ़िए
ज़िगर मुरादाबादी की शायरी
• दिल में किसी के राह किए जा रहा हूँ मैं।
कितना हसीं गुनाह किए जा रहा हूँ मैं।।
Dil mein kisee ke raah kie ja raha hoon main।
kitana haseen gunaah kie ja raha hoon main.
~जिगर मुरादाबादी
Jigar Moradabadi Shayari pdf
• हम ने सीने से लगाया दिल न अपना बन सका।
मुस्कुरा कर तुम ने देखा दिल तुम्हारा हो गया।।
Ham ne seene se lagaaya dil na apana ban saka.
muskura kar tum ne dekha dil tumhaara ho gaya.
~Jigar muradabadi
Jigar Moradabadi in Hindi
![]() |
ज़िगर मुरादाबादी की शायरी |
• जो तूफ़ानों में पलते जा रहे हैं।
वही दुनिया बदलते जा रहे हैं।।
Jo toofaanon mein palate ja rahe hain.
vahee duniya badalate ja rahe hain.
~Jigar मुरादाबादी
Jigar muradabadi shayari
• इतने हिजाबों पर तो ये आलम है हुस्न का।
क्या हाल हो जो देख लें पर्दा उठा के हम।।
इसे भी पढ़े 👉 2023 की बेहतरीन शेर पढ़िए
Itane hijaabon par to ye aalam hai husn ka.
kya haal ho jo dekh len parda utha ke ham.
~Jigar muradabadi
ज़िगर मुरादाबादी शायरी इन हिंदी
• यूँ ज़िंदगी गुज़ार रहा हूँ तिरे बग़ैर।
जैसे कोई गुनाह किए जा रहा हूँ मैं।।
Yoon zindagee guzaar raha hoon tire bagair
jaise koee gunaah kie ja raha hoon main.
~Jigar मुरादाबादी
Love shayari Jigar muradabadi
• आदमी आदमी से मिलता है।
दिल मगर कम किसी से मिलता है।।
Aadamee aadamee se milata hai.
dil magar kam kisee se milata hai.
~Jigar muradabadi
Best shayari of Jigar muradabadi
• दोनों हाथों से लूटती है हमें।
कितनी ज़ालिम है तेरी अंगड़ाई।।
Donon haathon se lootatee hai hamen.
kitanee zaalim hai teree angadaee.
Jigar ke sher
•ज़िंदगी इक हादसा है और कैसा हादसा।
मौत से भी ख़त्म जिस का सिलसिला होता नहीं।।
Zindagee ik haadasa hai aur kaisa haadasa.
maut se bhee khatm jis ka silasila hota nahin.
~Jigar muradabadi
• मोहब्बत में ये क्या मक़ाम आ रहे हैं।
कि मंज़िल पे हैं और चले जा रहे हैं।।
Mohabbat mein ye kya maqaam aa rahe hain
ki manzil pe hain aur chale ja rahe hain.
~ जिगर मुरादाबादी
Love shayari
• सब को मारा जिगर के शेरों ने।
और जिगर को शराब ने मारा।।
Sab ko maara jigar ke sheron ne.
aur jigar ko sharaab ne maara.
~Jigar muradabadi
ज़िगर मुरादाबादी शायरी
•दिल को सुकून रूह को आराम आ गया।
मौत आ गई कि दोस्त का पैग़ाम आ गया।।
Dil ko sukoon rooh ko aaraam aa gaya.
maut aa gaee ki dost ka paigaam aa gaya.
~Jigar muradabadi
0 टिप्पणियाँ