KS Siddiqui Shayari : प्रिय दोस्तों आज हम आपको एक ऐसे शायर के बारे में बताने जा रहा हूं, जिनकी शायरी लोगों में बहुत फेमस हैं, इनके लिखें हुए शेर और गज़ल पढ़ने के बाद रूहानियत को शुकून देते हैं। जी हां आज हम बात करने वाले हैं एक गुमनाम और मशहूर शायर के.एस सिद्दीकी (KS Siddiqui) के बारे में जो लोगों के बीच अपनी शायरी के लिए जानें जाते हैं, KS Siddiqui का जन्म 10 अगस्त सन् 2000 में प्रयागराज जिले के मेजा तहसील के एक छोटे से गांव गुनई में हुआ था। इनका पूरा नाम कयामुद्दीन सिद्दीकी ( Kayamuddin Siddiqui ) हैं, तथा इनके वालिद का नाम कुद्दुश सिद्दीकी व मां का नाम कुरैशा बेगम हैं, इनके पिता समाज में सबसे रईस और बेहतरीन इंसानों में गिने जाते हैं। के.एस सिद्दीकी { KS Siddiqui } अपनी शुरुआती शिक्षा पास के स्कूलों से पूरी करने के बाद मेजा के यूनिवर्सिटी से बीकॉम ( B.Com ) से ग्रेजुएशन पूरी किया, फिर उसके बाद प्रयागराज यूनिवर्सिटी से Post Graduation की डिग्री हासिल की. KS Siddiqui बताते हैं कि दसवीं के पढ़ाई के दौरान ही इन्हें उर्दू शायरी { Urdu Shayari } से लगाव हो गया, और बड़े बड़े शायरों की किताबें जैसे शायरी के खुदा मीर तकी मीर, मिर्ज़ा ग़ालिब, बशीर बद्र, जॉन एलिया, Dr. अल्लामा इक़बाल, बहादुर शाह ज़फ़र, राहत इंदौरी, और मुनव्वर राणा की किताबे इनकी जीवन पर गहरा असर डाला ।
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KS Siddiqui |
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उसके बाद KS Siddiqui मेजा के मदरसे में दाखिला ले लिया और यहां से अरबी { Arbi} और उर्दू ( Urdu) की तालीम हासिल की और उर्दू शायरी (Urdu shayari) की बेसिक चीजों को सीखा. जिसके बाद ग़ज़ल और शेर लिखना शुरू कर दिया। जिसके बाद जलसों और मुशायरों में अपने लिखे कलाम लोगों तक पहुंचाने लगे। के.एस सिद्दीकी ( KS Siddiqui ) कहते हैं की..
नफ़रत भरे दुनियां में मोहब्बत का पाठ सिर्फ़ उर्दू शायरी ही पढ़ा सकती हैं, उर्दू शायरी पढ़ने वाला व्यक्ति लोगों के दुखों और मुसीबतों को समझता हैं, वो हमेशा नरम दिल रहता हैं, और कभी किसी को नफ़रत और चोट नहीं पहुंचा सकता, न ही वो कभी कठोर दिल हो सकता हैं, अपने बड़े से बड़े बातों 2 लाइन में कह सकता हैं, और दुनियां में मोहब्बत फ़ैला सकता हैं "
आइए जानते हैं के.एस सिद्दीकी के बेहतरीन गज़लें।
•हमने रख दी हैं सर अपना जां– नमाज़ पर।
दुआ जा कर कबूल हुई सातवें आसमान पर।।
रख दी है हमनें जो ये जमाने की खूबियां।
मिलती नहीं ये खूबियां इस जहान पर।।
रहता हैं हमेशा यहां फरिश्तों का काफ़िला।
दुआएं ले कर जो जाते हैं आसमान पर।।
खुदा का शुक्र है जी भर जिया यहां।
वरना मिलती कहां है जिंदगी अहसान पर ।।
ज़माने ने जो दिया छीन लिया हयात में।
बस एक इश्क-ए-रसूल रहा इमान- ए-जबान पर।।
~KS Siddiqui
KS Siddiqui ki Gajale
• हम एक दिन मर जाएंगे।
सब खेल खत्म कर जायेंगे।।
हो के दुनिया-ए-फानी से।
रुखसत रब के घर जाएंगे।।
सब रश्मे-ए-दुनिया खत्म।
रूह निकलते ही बिखर जाएंगे
इस जहान को छोड़कर।।
यहां से बहुत दूर जाएंगे।।
तू दूर दूर तक ढूंढ़ना मुझे।
हम कब्र में बिखर जायेंगे।।
~KS Siddiqui
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KS Siddiqui shayari |
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KS Siddiqui के मशहूर गज़लें
• गर्दिश के सितारे हटे तो चमकता चांद दिखे ।
मै तन्हा जुगनू हूं मुझे सारा आसमान दिखे ।।
बंद है हमारे मुक्कदर के सारे के सारे दरवाजे।
इस अंधेरे में चाभी मिले तो मुकद्दर रोशन दिखे।।
अभी से रुखसत होती जा रही रोशनी आंखो से।
ख़ुदा बिन्नाई दे इन आंखो में तो इंसान दिखे।।
~के.एस सिद्दीकी
Best Ghajal of KS Siddiqui
• खुदा जाने आज उसका कैसा जलवा होगा।
हुस्न होगा नजाकत होगा और जंवा होगा।।
कोई उसके चेहरे को पढ़े और बताए हमे।
सब के सामने उसका चेहरा कितना खिला होगा।।
वो नज़र झुकाए हुए चेहरे पर हया होगी।
डरते हुए लब उसका कांप रहा होगा।।
मुझे पता है वो गमज़दा हुई थी मगर।
महफ़िल में उसके होने से खुदा वहां होगा।।
मुझे दिखा उसका चेहरा मेरे दीवारों पर।
फिर मुझे लगा कि ये मेरा भ्रम रहा होगा।।
~KS Siddiqui
KS Siddiqui की गजलें
•एक किरदार को निभाता कितनी बार।
अब यहां से छोड़कर जाता कितनी बार।।
लोगो को तो समझना चाहिए मेरे दर्द को।
मै उनसे दर्द को छुपाता कितनी बार।।
हर एक दफा पा जाने की चाहत रही मुझमें।
फिर मै उन चाहत को मिटाता कितनी बार।।
बिखर कर रह जाता उसकी याद में।
अब उसे भूलने की सोचता कितनी बार।।
हर सफ में खड़ा रहा यही सोच कर।
आख़िर वो यहां से गुजरेगी कितनी बार।।
गुनाह कर के सोचता हूं कयाम हर बार।
खुदा भी मुझे माफ़ करेगा कितनी बार।।
केएस सिद्दीकी की रूहानी गजलें
• किस तरह जीयु की अब जिया नही जाता।
आंखे तो बंद करता हु मगर सोया नही जाता।।
उदास हु एक मुद्दत से चेहरे पर हंसी नहीं आई।
अश्क पी–पी कर अब रोया नहीं जाता।।
हमने तन्हाआई में काटें हैं हिज्र की कई रातें ।
वस्ल के दिनो मे भी हिज्र को खोया नहीं जाता।।
~KS Siddiqui
KS Siddiqui Ghajal in Hindi
•दौर ए सियासत में बगावत नहीं होता।
लब सब के सिले है हिफाजत नहीं होता।।
इस दौर में बिकने के लिए खड़े है सभी
यहां किसी को वतन से मोहब्बत नहीं होता।।
ऊंचे ऊंचे दरबारो में आला आला लोग पड़े हैं।
ये सभी टुकड़ों पर जीते है इज्ज़त नहीं होता।।
हस्ती उनकी मिट जाती हैं दूसरे को गिरते हुए।
वो हमको क्या उठाएं कैफियत नही होता।।
कयाम जहां दिल लगाना वहां खुद को देख लेना।
रिश्ते अक्सर टूट जाते है जिनकी हैसियत नहीं होता।।
~KS Siddiqui
केएस ग़ज़ल इन हिंदी
•मेरे पास गम है इसके सिवा कुछ नहीं।
हर तरफ हम है इसके सिवा कुछ नहीं।।
एक दरो दीवार से लग कर रो रहा हूं।
मेरी आंखे नम है इसके सिवा कुछ नहीं।।
दुनिया समझती है ग़ज़ल कार हूं मैं।
मेरे पास नज़्म है इसके सिवा कुछ नहीं।।
हर एक सख्स दिखावे में दिख रहा है।
ये दुनिया एक रश्म है इसके सिवा कुछ नहीं।।
कोई समझे मुझे तो उसे बताऊं मै की।
ये दुनिया कयाम है इसके सिवा कुछ नहीं।।
~के.एस सिद्दीकी
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KS Siddiqui |
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के.एस सिद्दीकी के मशहूर नज़्म./ Nazm of K.S Siddiqui
नज़्म का उनवान
"कोरोना के लिए खुदा से दुआ"
आई है शिफ़ा बन के मदीने की हवा
रखना लगा के सीने से मोहम्मद की दवा
ये वो मरती हुई सांसे थी जिन्हें दम है मिला
बना के आक्सीजन खुदा ने भेजी है दावा
आई है शिफ़ा बन के मदीने की हवा..
टूटता ही जा रहा है लोगो का भ्रम
होती जा रही है हर तरफ़ जहन्नम ही जहन्नम
हर तरफ़ है सिर्फ़ मौतों का पहरा
भुला दो सब नफरतों को और कर लो तौबा
आई है शिफ़ा बन के मदीने की हवा...
या खुदा एक नज़र डाल के हालात को बेहतर कर दे
तू जो चाहे तो सभी को शिफ़ा अता कर दे
हो गए हैं हम सब बेबस दे अपने दर की दवा
एक नजर डाल के ख़त्म कर दे ये सारी की सारी वबा
आई है शिफ़ा बन के मदीने की हवा
हम सब की है गलतियां जो तुझे समझा ही नहीं
तेरे बनाए रास्ते पर हम सब चले ही नहीं
आज जब घिरे बलाओं से तब तू याद आया
या खुदा दे शिफ़ा हम सब को यही है दुआ
आई है शिफ़ा बन के मदीने की हवा..
हर तरफ़ जनाजे ही जनाजे नजर आती हैं
हर तरफ़ से सांसे टूटने की खबर आती हैं
अहले दुनिया ने समझा ही नहीं या खुदा
हम गुनाह गारों को कुछ तो शिफ़ा दे या खुदा
आई है शिफ़ा बन के मदीने की हवा..
अब कुछ तो रहम की एक नज़र डाल दें
हम सब के लिए तो कोई नशिर -ए -सिम्त निकाल दे
टूटते जा रहे हैं सभी शाखो से पत्तो की तरह यहां
अब तू ही बता हम सब तेरे दर से उठ कर जाए कहां
आई है शिफ़ा बन के मदीने की हवा…
देखा ही नहीं जाता ये जनाजो की कतारें
ये जो जल रही है लाशों की उठती हुई चिंगारे
सूखता ही जा रहा है आंसुओ का ये काफिला
अब तू ही खुदा बता कितना रखे लोगो के बीच में फासला
आई है शिफ़ा बन के मदीने की हवा..
हम ढूंढे कहां अपनों को इस लोगो के बीच में
कोई शिनाख्त ही नहीं बचा हैं इन जनाजो के बीच में
अब तो कोई रास्ता ही नहीं बचा है तेरे दर के सिवा
या अल्लाह कोई सुनता भी नहीं है तेरे सिवा
आई है शिफ़ा बन के मदीने की हवा...
आई है शिफ़ा बन के मदीने की हवा..
~KS Siddiqui
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KS Siddiqui |
Best nazm of KS Siddiqui
ये नज़्म अल्लामा इक़बाल के एक नज़्म के रिदम पर हैं..
"खुदा की पहचान"
•आसमा की ऊंचाई से पहाड़ों कि चढ़ाई से
शम्स के चमकने से रेतों केे फिसलने से
चांद की चादनी से जगमगाते हुऐ जुगनुओं से
हमने ख़ुदा को जाना है ख़ुदा की बनाई हुई चीजों से...
बदलो के बरसने से घटाओ के चमकने से
ज़मी में छुपे खजाओं से यहां पर बसे शैतानों से
समन्दर की उफानों से अपने सजदों के निशान से.
हमने ख़ुदा को जाना है ख़ुदा की बनाई हुई चीजों से..
दुआओं का कबूल होने से बीमारियों से शिफा पा जाने से
निकलते हुए दिन से ढलती हुए शामों से
घूमती हुई धरती से नाचते हुए मोरों से
हमने ख़ुदा को जाना है ख़ुदा की बनाई हुई चीजों से..
फूलों के महकने से तितलियों के चहकने से
जंगलों की खामोशी से बहती हुई नदियों से
धड़कते हुए धड़कनों से खुद अपनी चलती सांसों से
हमने ख़ुदा को जाना है ख़ुदा की बनाई हुई चीजों से...
खेतों में होते अनाजो से बदलते हुए मौसमों से
दहकते हुए अंगरो से चलते हुए हवाओं से
नूर के फरिश्तों से खुद ख़ुदा के भेजे हुए नबियों से
हमने ख़ुदा को जाना है ख़ुदा की बनाई हुई चीजों से..
~KS Siddiqui
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KS Siddiqui shayari |
के.एस सिद्दीकी के मशहूर शेर / famous shayari of KS Siddiqui
•ये मौत तेरी आगोश में एक दिन खो जाएंगे।।
दो गज जमी ओढ़कर हम भी सो जाएंगे।।
~KS Siddiqui
KS Siddiqui shayari
• ज़मी इतराने लगी आसमां नजर आने लगा ।
मां के क़दमों को जैसे चूमा मुझे जन्नत नज़र आने लगा।।
~KS Siddiqui
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KS Siddiqui shayari in Hindi |
KS Siddiqui shayari in Hindi
जन्म, जवानी और जमीं में दफ्न।।
बस यहीं एक कहानी हैं दुनियां की।
~KS Siddiqui
KS Siddiqui Motivation shayari
•ख़ामोशी एक अदा हैं बसर करने के लिए।।
समंदर की गहराइयों तक सफ़र करने के लिए।।
#KS Siddiqui
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KS Siddiqui shayari |
KS Siddiqui Poetry in Hindi
• जुदा तो हो रहें हो मुझसे मगर मेरा एक काम कर दो।।
उम्र भर के लिए कहीं मुझे गुमनाम कर दो।।
~ks Siddiqui
केएस सिद्दीकी शायरी
•मैं तुझसे बिछड़ रहा हु इस उम्मीद के साथ।।
रही किस्मत में जिंदगी तो फ़िर कभी मुलाकात करेंगे।।
~KS Siddiqui
KS Siddiqui shayari in 2023
•हर रोज़ जिंदगी के जंजाल में हम हैं।।
ये मेरी मौत तेरे इंतज़ार में हम हैं।।
~KS Siddiqui
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KS Siddiqui |
KS Siddiqui Birthday shayari
•हसीन चेहरे पर तरों ताजगी बनी रहें
खुदा करें होंठों पर तबस्सुम सजी रहें
जन्मदिन का क्या हैं आता जाता रहेगा
बस ता–उम्र की खुशी यूंही ठहरी रहें।
~Ks siddiqui
KS Siddiqui shayari
• बढ़ते रहेंगे क़दम हमारे पीछे मुड़ना सीखा नहीं।।
देश के लिए सर कटा देंगे पर सर झुकाना सीखा नहीं।
~केएस सिद्दीकी
KS Siddiqui Love shayari
•वो जिधर से चले हवा भी गुजर जाएगा
रेत की तरह हाथ से तू बिखर जायेगा
बस वो खड़ी होकर एक नज़र देख ले
तू वही पर घुट – घुट कर मर जायेगा
~K.S Siddiqui
•मर के भी इंतज़ार रहेगा तुम्हारा।।।
तुम मेरे कब्र पर आओगी तो मुकम्मल हो जाऊंगा।।
~KS Siddiqui
•मैं कैसे तेरे हुस्न पर यकीन करू।
मैंने गुलाब को मुरझाते हुए देखा हैं।।
~KS Siddiqui
•क्यों दुनियां दुनियां करता हैं, ये दुनियां नहीं तेरे घर की हैं।।
सब खेल यहीं पर ख़त्म हुआ मिट्टी का बदन कबर की हैं।।
~KS Siddiqui
K.S Siddiqui new year shayari
•तुम शिद्दत से कह रहीं हो नया साल आ रहा हैं।
क्या करें ऐसे साल का जो तेरे बगैर आ रहा हैं।।
~KS Siddiquu
•उसने बेवफाई कर दी तो मेरे पास आए हों।
अब तुम चाहते हो की मैं तुम से फिर से वफा करू।।
~KS Siddiqui
• कोई जिंदगी को समझाए।।
की यहां जीने नहीं मरने आए हैं।।
~KS Siddiqui
•हर ख्वाहिशों को मारा हैं ख़ामोशी तक आने के लिए।।
तुम इस ख़ामोशी का रास्ता आसान न समझना।।
~Ks Siddiqui
KS Siddiqui शायरी
• विदाई के लम्हों को मैं आसान कर रहा हूं।।
अपनी आखों में आंसू लाकर तुम्हें हैरान कर रहा हूं।।
~ KS Siddiqui
•हर रोज़ तैयारियां करता हूं मौत के लिए।।
न जानें कब इस सफ़र पर निकालना पड़ जाएं।।
~KS Siddiqui
KS सिद्दीकी shayari
• मुकद्दर में नहीं हैं मंज़िल "कयाम" ।।
वर्ना सफ़र तो हर रोज़ कर रहें हैं।।
~KS Siddiqui
केएस सिद्दीकी पोएट्री
•जब से इंसान के दिलों में ज़हर भर गया हैं।।
तब से ही इंसान जानवर बन गया हैं।।
~ KS Siddiqui
• जुल्म सह सह कर सब बुत हो गए हैं।।
अब इस बुत–कदे में कहां आदमी ढूंढू।।
~KS Siddiqui
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KS Siddiqui |
KS Siddiqui Dua Shayari
• हांथ न भी उठाऊं दुआ के लिए तो भी दुआओं में याद रहता हैं।।
वो शख्स कितना खुश नशीब हैं जो खुदा की रहमतों में आबाद रहता हैं।।
~ KS Siddiqui
K.S Siddiqui दुआ शायरी
•फकत दुआओं के सहारे जिंदा हु अब तलक।।
वर्ना दुनियां में हर घड़ी क्या क्या नहीं होता।।
~KS Siddiqui
•दुनियां की भीड़ में तमाम तरह के मेले हैं।।
बहोत हैं यहां अपने फिर क्यो हम अकेले हैं।।
~KS Siddiqui
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