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बेवफा शायरी |
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Bewafai shayari / Bewafa shayari
• कुछ तो मजबूरियाँ रही होंगी।।
यूँ कोई बेवफ़ा नहीं होता।।
• तेरी वफ़ा का यकीन करते थे हम,
मगर तू बेवफ़ा निकली यहाँ।
दिल को छूने की ख्वाहिश थी हमें,
पर तू तो सिर्फ धोखा ही दे गई यहाँ।
• बेवफ़ाई पे तेरी जी है फ़िदा।।
क़हर होता जो बा-वफ़ा होता।।
• चल दिया तू उस दिन जब तेरे बिना,
दिल के हर कोने में हुआ एक रूठना।
जब मुझसे छीन लिया तूने हंसी को,
समझ गया यहाँ तू थी मेरी वफ़ा से दूर होना।
• हम उसे याद बहुत आएँगे।।
जब उसे भी कोई ठुकराएगा।।
• दिल में चुभता है ये दर्द तेरी बेवफ़ाई का,
यादों के सहारे जीना हो गया मज़बूर सा।
जब भी याद आती है वो मुस्कान तेरी,
आंखों में आँसू और दिल में दर्द छा जाता है यहाँ।
• तुम किसी के भी हो नहीं सकते।।
तुम को अपना बना के देख लिया।।
• तेरी बेवफ़ाई में हम खो गए हैं,
एक दर्द ने दिल को तोड़ दिया है यहाँ।
तूने छोड़ दिया हमें अकेले यहाँ,
अब तक तेरी यादें दिल को सताती हैं यहाँ।
• हम ने तो ख़ुद को भी मिटा डाला।।
तुम ने तो सिर्फ़ बेवफ़ाई की।।
• अब ज़माना है बेवफ़ाई का।।
सीख लें हम भी ये हुनर शायद।।
• तेरी बेवफ़ाई का इल्ज़ाम नहीं लगाते हम,
दिल में तेरे लिए चुपके से रोते हैं यहाँ।
बेवफ़ाई तेरी हमेशा याद आती है।
• तुम ने किया न याद कभी भूल कर हमें
हम ने तुम्हारी याद में सब कुछ भुला दिया
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