Nasir Kazmi shayari : नसीर काजमी शायरी, गज़ल और जीवनी पढ़िए.

Nasir Kazmi shayari : प्रिय दोस्तों आज हम मशहूर शायर नासिर काजमी { Nasir kazmi }के लिखें बेहतरीन शेर बताने वाले हैं, नसीर काजमी उर्दू शायरी {Urdu shayari} के बेहतरीन शायर के तौर पर जानें जाते हैं इनका जन्म 8 दिसंबर 1925 को भारत (India)के अंबाला में हुआ था, इनका पूरा नाम सय्यद नसीर रजा काजमी था, और इनके वालिद का नाम सय्यद मोहम्मद सुल्तान काजमी था, नसीर काजमी {Nasir kazmi} अपनी शुरुआती शिक्षा पूरी करने के बाद लाहौर के एक कॉलेज में बीए (BA) का शिक्षा पूरी की, नसीर काजमी {Nasir kazmi} कम उम्र से ही शायरी शुरू कर दी थी। इन्होंने ने शायरी के खुदा मीर तकी मीर और हाफिज होशियारपुरी को अपना गुरु माना और शायरी बोलना और लिखना शुरू कर दी। नशीर काजमी बचपन से आशिक मिजाज़ के थे और इन्होंने अपनी जिंदगी में कई सारे इश्क़ किए.. कहा जाता है की जिस भी लड़की से इश्क़ {Ishq} करते थे एकदम रूह से करते थे और उसके मोहब्बत में पागल रहते थे। नसीर काजमी {Nasir kazmi} बेहद ही सरल स्वभाव के थे, अपनी शायरी में दुनियां और जिंदगी की बखूबी तर्जुमानी की हैं, सन 2 मार्च 1972 को कैंसर{Cancer} के कारण इस दुनियां को छोड़कर चले गए। आइए जानते हैं नसीर काजमी के गज़ल और शेर..

नासिर काजमी शायरी 


Read this 👉   KS Siddiqui के मशहूर शेर गजलें और जीवनी पढ़िए 


Read this  👉 जावेद अख्तर के बेहतरीन शेर पढ़िए

Nasir kazmi Ghazal 


• दिल में इक लहर सी उठी है अभी।।

कोई ताज़ा हवा चली है अभी।।


कुछ तो नाज़ुक मिज़ाज हैं हम भी।।

और ये चोट भी नई है अभी।।


भरी दुनिया में जी नहीं लगता।।

जाने किस चीज़ की कमी है अभी।।


याद के बे-निशाँ जज़ीरों से।।

तेरी आवाज़ आ रही है अभी।।


सो गए लोग उस हवेली के।।

एक खिड़की मगर खुली है अभी।।


शहर की बे-चराग़ गलियों में।।

ज़िंदगी तुझ को ढूँडती है अभी।।


तुम तो यारो अभी से उठ बैठे।।

शहर में रात जागती है अभी।।


नासिर काजमी के गज़ल 


• ग़म है या ख़ुशी है तू।।

मेरी ज़िंदगी है तू।।


आफ़तों के दौर में।।

चैन की घड़ी है तू।।


मैं ख़िज़ाँ की शाम हूँ।।

रुत बहार की है तू।।


मेरी रात का चराग़।।

मेरी नींद भी है तू।।


मैं तो वो नहीं रहा।।

हाँ मगर वही है तू।।


मेरी सारी उम्र में।।

एक ही कमी है तू।।


नासिर इस दयार में।।

कितना अजनबी है तू।।


इस से पहले कि बिछड़ जाएँ हम।।

दो-क़दम और मिरे साथ चलो।।


अभी देखा नहीं जी-भर के तुम्हें।।

अभी कुछ देर मिरे पास रहो।।


मुझ सा फिर कोई न आएगा यहाँ।।

रोक लो मुझ को अगर रोक सको।।


यूँ न गुज़रेगी शब-ए-ग़म नासिर।।

उस की आँखों की कहानी छेड़ो।।


Nasir kazmi ke ghazal 


• तू जब मेरे घर आया था।।

मैं इक सपना देख रहा था।।


तेरे बालों की ख़ुशबू से।।

सारा आँगन महक रहा था।।


तेरी नींद भी उड़ी उड़ी थी।।

मैं भी कुछ कुछ जाग रहा था।।


चाँद की धीमी धीमी ज़ौ में।।

साँवला मुखड़ा लौ देता था।।


दो रूहों का प्यासा बादल।।

गरज गरज कर बरस रहा था।।


दिल की कहानी कहते कहते।।

रात का आँचल भीग चला था।।


मेरे हाथ भी सुलग रहे थे।।

तेरा माथा भी जलता था।।


रात गए सोया था लेकिन।।

तुझ से पहले जाग उठा था।।


नासिर काजमी ग़ज़ल 


Nasir kazmi shayari 

Read this 👉  देश के मशहूर शायर तहज़ीब हाफी के गजलें और शेर पढ़िए 





 

• दिल धड़कने का सबब याद आया।।

वो तिरी याद थी अब याद आया।।


दिन गुज़ारा था बड़ी मुश्किल से।।

फिर तिरा वादा-ए-शब याद आया।।


आज मुश्किल था सँभलना ऐ दोस्त।।

तू मुसीबत में अजब याद आया।।


फिर कई लोग नज़र से गुज़रे।।

फिर कोई शहर-ए-तरब याद आया।।


हाल-ए-दिल हम भी सुनाते लेकिन।।

जब वो रुख़्सत हुआ तब याद आया।।


बैठ कर साया-ए-गुल में नासिर।।

हम बहुत रोए वो जब याद आया।।


Best Ghazals of Nasir kazmi 


• तिरे मिलने को बेकल हो गए हैं।।

मगर ये लोग पागल हो गए हैं।।


बहारें ले के आए थे जहाँ तुम।।

वो घर सुनसान जंगल हो गए हैं।।


कहाँ तक ताब लाए ना-तवाँ दिल।।

कि सदमे अब मुसलसल हो गए हैं।।


उन्हें सदियों न भूलेगा ज़माना।।

यहाँ जो हादसे कल हो गए हैं।।


निगाह-ए-यास को नींद आ रही है।।

मिज़ा पर अश्क बोझल हो गए हैं।।


नासिर काजमी के ग़ज़ल 


• दिल में इक लहर सी उठी है अभी।।

कोई ताज़ा हवा चली है अभी।।


शोर बरपा है ख़ाना-ए-दिल में।।

कोई दीवार सी गिरी है अभी।।


कुछ तो नाज़ुक मिज़ाज हैं हम भी।।

और ये चोट भी नई है अभी।।


याद के बे-निशाँ जज़ीरों से।।

तेरी आवाज़ आ रही है अभी।।


भरी दुनिया में जी नहीं लगता।।

जाने किस चीज़ की कमी है अभी।।


सो गए लोग उस हवेली के।।

एक खिड़की मगर खुली है अभी।।


तुम तो यारो अभी से उठ बैठे।।

शहर में रात जागती है अभी।।


Nasir kazmi shayari 

Read this 👉   Mirza Ghalib ke गज़ल और शेर पढ़िए
 



नासिर काजमी शायरी / Nasir kazmi shayari 



• आज देखा है तुझ को देर के बअद।।

आज का दिन गुज़र न जाए कहीं।।


Aaj dekha hai tujh ko der ke bad

aaj ka din guzar na jae kaheen 

~Nasir kazmi


Nasir Kazmi Poetry in Hindi


• ऐ दोस्त हम ने तर्क-ए-मोहब्बत के बावजूद।।

महसूस की है तेरी ज़रूरत कभी कभी।।


Ye dost ham ne tark-e-mohabbat ke baavajood

mahasoos kee hai teree zaroorat kabhee kabhee 

~नसीर काजमी


Nasir Kazmi Best Poetry


• वो कोई दोस्त था अच्छे दिनों का।।

जो पिछली रात से याद आ रहा है।।


Vo koee dost tha achchhe dinon ka

jo pichhalee raat se yaad aa raha hai 

~Nasir kazmi 


Nasir Kazmi In Urdu


• आरज़ू है कि तू यहाँ आए।।

और फिर उम्र भर न जाए कहीं।।


Aarazoo hai ki too yahaan aae

aur phir umr bhar na jae kaheen

~Nasir kazmi 


नसीर काजमी के शेर 


• तेरी मजबूरियाँ दुरुस्त मगर।।

तू ने वादा किया था याद तो कर।।


Teree majabooriyaan durust magar

too ne vaada kiya tha yaad to kar 

~Nasir kazmi 


नसीर काजमी के शेर 

Nasir kazmi shayari 


• मुझे ये डर है तिरी आरज़ू न मिट जाए।।

बहुत दिनों से तबीअत मिरी उदास नहीं।।


Mujhe ye dar hai tiree aarazoo na mit jae

bahut dinon se tabeeat miree udaas nahin 

~Nasir kazmi


Nasir kazmi poetry in Hindi 


• हमारे घर की दीवारों पे नासिर।।

उदासी बाल खोले सो रही है।।


Hamaare ghar kee deevaaron pe naasir

udaasee baal khole so rahee hai

~Nasir kazmi


Nasir kazmi poetry on life 


• कौन अच्छा है इस ज़माने में।।

क्यूँ किसी को बुरा कहे कोई।।


Kaun achchha hai is zamaane mein

kyoon kisee ko bura kahe koee 

~Nasir kazmi


Love shayari Nasir kazmi 


• भरी दुनिया में जी नहीं लगता।।

जाने किस चीज़ की कमी है अभी।।

Bharee duniya mein jee nahin lagata

jaane kis cheez kee kamee hai abhee 

~नसीर काजमी


Best shayari in 2023


• वक़्त अच्छा भी आएगा नासिर।।

ग़म न कर ज़िंदगी पड़ी है अभी।।


Vaqt achchha bhee aaega naasir

gam na kar zindagee padee hai abhee 

~ नसीर काजमी


Nasir Kazmi Best Poetry


Nasir kazmi shayari 


• इस क़दर रोया हूँ तेरी याद में।।

आईने आँखों के धुँदले हो गए।।


Is qadar roya hoon teree yaad mein

aaeene aankhon ke dhundale ho gae 

~Nasir kazmi


Nasir kazmi shayari collection 


• एक दम उस के होंट चूम लिए।।

ये मुझे बैठे बैठे क्या सूझी।। 


Ek dam us ke hont choom lie

ye mujhe baithe baithe kya soojhee

~Nasir kazmi 


Nasir kazmi poetry collection 


• ओ मेरे मसरूफ़ ख़ुदा।।

अपनी दुनिया देख ज़रा।।


O mere masaroof khuda

apanee duniya dekh zara

~Nasir kazmi


Nasir kazmi shayari 


•चुप चुप क्यूँ रहते हो नासिर।।

ये क्या रोग लगा रक्खा है।। 


Chup chup kyoon rahate ho naasir

ye kya rog laga rakkha hai.

~Nasir kazmi


नसीर काजमी शायरी 


• जिन्हें हम देख कर जीते थे नासिर।।

वो लोग आँखों से ओझल हो गए हैं।।


Jinhen ham dekh kar jeete the naasir

vo log aankhon se ojhal ho gae hain

~Nasir kazmi


Nasir kazmi shayari in hindi 


• बुलाऊँगा न मिलूँगा न ख़त लिखूँगा तुझे।।

तिरी ख़ुशी के लिए ख़ुद को ये सज़ा दूँगा।।


Bulaunga n milunga n khat likhunga tujhe tiri khushi ke liye khud ko ye saja dunga 

~Nasir kazmi 


Nasir kazmi ke Sher

 

• तिरे आने का धोका सा रहा है।।

दिया सा रात भर जलता रहा है।। 


Tire aane ka dhoka sa raha hai diya sa rat bhar jalta raha hai

~ Nasir kazmi 


Best shayari of Nasir kazmi 


• रात कितनी गुज़र गई लेकिन।।

इतनी हिम्मत नहीं कि घर जाएँ।।


Rat kitani guzer gai lekin itani himmat nahi ki ghar jayen 

~Nasir kazmi


Nasir Kazmi Poetry in Hindi


•तुझ बिन सारी उम्र गुज़ारी।।

लोग कहेंगे तू मेरा था।।


Tujh bin sari umr guzari log kahenge tu mera tha.

~Nasir kazmi 


Nasir Kazmi Best Poetry


• मैं तो बीते दिनों की खोज में हूँ।।

तू कहाँ तक चलेगा मेरे साथ।।


Main to beete dinon kee khoj mein hoon

too kahaan tak chalega mere saath 

~Nasir kazmi 


Nasir kazmi shayari 


• दिल धड़कने का सबब याद आया।।

वो तिरी याद थी अब याद आया।।


Dil dhadakane ka sabab yaad aaya

vo tiree yaad thee ab yaad aaya

~Nasir kazmi

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ