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Hasarat mohani : इंकलाब जिंदाबाद का नारा देने वाले उर्दू के महान शायर (Urdu shayari) हसरत मोहानी का जन्म लगभग 14 अक्टूबर 1978 को भारत के उन्नाव में हुआ था। हसरत मोहानी का पूरा नाम सैय्यद फ़ज़ल–उल–हसन था, इनके पिता का नाम अज़हर हुसैन था जो एक जागीदार थे। हसरत का बचपन ननिहाल में गुजारा हैं , और शुरुआती शिक्षा वही से पूरी की। हसरत मोहानी उर्दू शायर ( urdu shayar) के साथ साथ महान स्वतंत्रता सेनानी (great freedom fighter) भी थे। हिंदुस्तान के लिए पूरा स्वतंत्रता मांगने वाले पहले हसरत मोहानी Hasarat mohani पहले शख्स थे। इनके काम के लिए हसरत मोहानी को मौलाना का लक़ब दिया गया।
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Hasarat mohani |
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हसरत मोहानी ( Hasarat mohani ) भारत के आज़ादी के लिए बहुत संघर्ष किया और लोगों में "इंकलाब जिंदाबाद" का नारा दिया जो इंकलाब की सबसे ताकत है।
आप मौलाना हसरत मोहानी की शख्सियत का अंदाजा लगा लीजिए की शायर, महान नेता, सूफ़ी, दरवेश, योद्धा, पत्रकार, आलोचक, शोधकर्ता , मुस्लिम कम्युनिस्ट और जमीयत उलेमा जब ये सब सारे लकब एक साथ होता है तब जा के एक शख्सियत बनता है जिसका नाम मौलाना हसरत मोहानी होता है।
हसरत मोहानी { Hasarat mohani } की लिखीं गजलें रूहानी है, इनकी ग़ज़ल का एक मतला आज भी लोगों के जबां पर रहता हैं..
"चुपके चुपके रात दिन आंसू बहाना याद हैं ।
हमको अब तक आशिकी का वो ज़माना याद हैं "
13 मई 1951 को मौलाना हसरत मोहानी {Hasarat mohani} की मृत्यु हो गई थीं।
हसरत मोहानी की मुख्य किताबें
हसरत मोहानी का नारा..
• इंकलाब जिंदाबाद
• हिंदुस्तान को पूरा स्वतंत्रता दो
हसरत मोहानी के गजलें.
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हसरत मोहानी शायरी
Ham kya kare agar na teri arzoo kare
Duniya me aur bhi koi hai tere siva kya
• शेर दर– असल वही है हसरत ।।
सुनते ही जो दिल में उतर जाए।।
Sher dar asal vahi hai hasarat
Sunate hi jo dil me utar jaye
• नहीं आती याद उनकी तो महीनों तक नहीं आती।।
मगर जब याद आते है तो अक्सर याद आते है।।
Nahi aati yaad unki to mahino tak nahi aati
Magar jab yaad aate hai to akshar yaad aate hai
• ऐसे बिगड़े कि फिर जफ़ा भी न की।।
दुश्मनी का भी हक़ अदा न हुआ।।
Ese bigade ki phir jafa bhi na ki
Dushmani ka nhi haq ada na hua
• शाम हो या कि सहर याद उन्हीं की रखनी।।
दिन हो या रात हमें ज़िक्र उन्हीं का करना।।
Sham ho ya ki sahar yaad unhi ki rakhni
Din ho ya raat hame zikr unhi ka karna
• भूल ही जाएँ हम को ये तो न हो।।
लोग मेरे लिए दुआ न करें।।
Bhul hi jaye ham ko ye to na ho
Log mere liye dua na kare
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