Poem in Hindi : दोस्तो आज के इस लेख में अब तक के सबसे बेहतरीन शायरी इन हिंदी ( poem in Hindi ) लेकर आया हु, जिसमें आप अपने पसंद के शेर पढ़ सकते हैं।
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Poem in Hindi |
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• इश्क़ तुम से है प्यार तुम से है
ज़िंदगी में बहार तुम से है
तुम ही तुम हो मिरे ख़यालों में
ज़ह्न भी लाला-ज़ार तुम से है
घर का आँगन हो या कि हो सहरा
हर तरफ़ इक निखार तुम से है
तुम से हट कर नहीं है कुछ भी यहाँ
ज़ीस्त का ए'तिबार तुम से है
चाँदनी हो कि हो शब-ए-फ़ुर्क़त
हर घड़ी साज़गार तुम से है
शौक़ की हो ग़ज़ल या गीत कोई
ज़िंदगी का ख़ुमार तुम से है
• ये दौलत भी ले लो ये शोहरत भी ले लो
भले छीन लो मुझ से से मेरी जवानी
मगर मुझ को लौटा दो वो बचपन का सावन
वो काग़ज़ की कश्ती वो बारिश का पानी
ये दौलत भी ले लो ये शोहरत भी ले लो
भले छीन लो मुझ से मेरी जवानी
मगर मुझ को लौटा दो बचपन का सावन
वो काग़ज़ की कश्ती वो बारिश का पानी
मोहल्ले की सब से निशानी पुरानी
वो बुढ़िया जिसे बच्चे कहते थे नानी
खड़ी धूप में अपने घर से निकलना
वो चिड़ियाँ वो बुलबुल वो तितली पकड़ना
वो गुड़ियों की शादी पे लड़ना झगड़ना
वो झूलों से गिरना वो गिरते सँभलना
वो पीतल के छाँव के प्यारे से तोहफ़े
वो टूटी हुई चूड़ियों की निशानी
वो काग़ज़ की कश्ती वो बारिश का पानी
ये दौलत भी ले लो ये शोहरत भी ले लो
भले छीन लो मुझ से मेरी जवानी
मगर मुझ को लौटा दो बचपन का सावन
वो काग़ज़ की कश्ती वो बारिश का पानी
वो काग़ज़ की कश्ती वो बारिश का पानी
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• चलो फिर से बिता दें वो पल,
जब आसमान सीने में उतर जाता था,
जब हर एक दिल के लिए खुशियां होती थीं,
और हर एक नजर में जान होती थी।
चलो फिर से उस समय को जीत लें,
जब लोग एक दूसरे से प्यार करते थे,
जब एक मुस्कान सबको भाती थी,
और दुखों की कोई कमी नहीं होती थी।
चलो फिर से उस दिन को याद करें,
जब सबकुछ अच्छा होता था,
जब दुनिया से नफरत की कोई जगह नहीं थी,
और सबको प्यार से जीना सिखाता था।
चलो फिर से बिता दें वो पल,
जब हर एक सपना पूरा होता था
जब आसमान जमीन से मिल जाता था
और हम सब मिलकर खुश रहते थे।
• जो दिल को छू जाए,
वो शब्द होते हैं कुछ ऐसे,
जो जीवन में स्पर्श कर जाएं
और मन में उत्साह भर जाएं।
जो सपनों को सच कर जाएं,
वो शब्द होते हैं कुछ ऐसे,
जो अधूरे ख्वाबों को पूरा कर जाएं,
और जीवन को नए रंग भर जाएं।
जो जीवन में मुस्कुराहट लाएं,
वो शब्द होते हैं कुछ ऐसे,
जो हर दर्द को दूर कर जाएं,
और सारे गमों को भुला दे जाएं।
जो आँखों में अश्क लाएं,
वो शब्द होते हैं कुछ ऐसे,
जो मन को संतुष्टि दे जाएं,
और अनहद खुशियों को पैदा।।
• तुम जब आओगी तो खोया हुआ पाओगी मुझे
मेरी तन्हाई में ख़्वाबों के सिवा कुछ भी नहीं
मेरे कमरे को सजाने की तमन्ना है तुम्हें
मेरे कमरे में किताबों के सिवा कुछ भी नहीं
इन किताबों ने बड़ा ज़ुल्म किया है मुझ पर
इन में इक रम्ज़ है जिस रम्ज़ का मारा हुआ ज़ेहन
मुज़्दा-ए-इशरत-ए-अंजाम नहीं पा सकता
ज़िंदगी में कभी आराम नहीं पा सकता
• मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग
मैं ने समझा था कि तू है तो दरख़्शाँ है हयात
तेरा ग़म है तो ग़म-ए-दहर का झगड़ा क्या है
तेरी सूरत से है आलम में बहारों को सबात
तेरी आँखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है
तू जो मिल जाए तो तक़दीर निगूँ हो जाए
यूँ न था मैं ने फ़क़त चाहा था यूँ हो जाए
और भी दुख हैं ज़माने में मोहब्बत के सिवा
राहतें और भी हैं वस्ल की राहत के सिवा
और भी दुख हैं ज़माने में मोहब्बत के सिवा।
राहतें और भी हैं वस्ल की राहत के सिवा
मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग।
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