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Bashir Badr shayari : प्रिय दोस्तों आज हम आपको मोहब्बत के रूहानी शायर डॉ. बशीर बद्र {Dr. bashir badr } के बारे में बताने वाले हैं , बशीर बद्र की शायरी (Bashir Badr shayari) आज के दौर में सबसे ज्यादा प्रचलित हैं, इनके लिखे शेर मोहब्बत करने वालों को नया रास्ता दिखाता हैं। बशीर बद्र {Bashir Badra }का जन्म 15 फरवरी 1935 को कानपुर में हुआ था। इनका असली नाम सय्यद मोहम्मद बशीर था, इनके वालिद का नाम सय्यद मोहम्मद नज़ीर था, जो पुलिस विभाग से ताल्लुक रखते थे, बशीर बद्र Bashir badr की शुरुआती शिक्षा कानपुर के एक कॉलेज से प्राप्त की, बाद में इनके वालिद का तबादला इटवा में हो गया , जहां मोहम्मद सिद्दीकी इस्लामिया कॉलेज से बशीर बद्र ( bashir Badr ) ने हाई स्कूल का इम्तेहान पास की, इसी बीच इनके वालिद का इंतेकाल हो गया और बशीर बद्र पर कम उम्र में ही मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा, इसके बाद बशीर बद्र (bashir badra ) ने पुलिस में 85 रुपए महीने पर काम करने लगे, बशीर बद्र पर परिवार का सारा बोझ अपने उपर ले कर परिवार को आगे बढ़ाने लगे। और अपनी शादी भी कर ली। बशीर बद्र {bashir badr shayari} बचपन से ही शायरी के शौकीन थे, लिहाज़ा उर्दू और अरबी की तालीम हासिल किया और शेर ,गजलें लिखने लगे, बशीर बद्र {bashir badr} की उम्र जब 20 साल के थे तभी से इनकी शोहरत उफान मरने लगी इनकी लिखीं गजलें हिंदुस्तान और पाकिस्तान में लोगों के दिनों पर अपना असर छोड़ने लगी, बशीर बद्र शायरी {bashir badr shayari} में अपने मोहब्बत और रूहानियत का एक बेहतरीन तकाज़ा देखने को मिलता हैं। बशीर बद्र बाद में पीएचडी PhD की डिग्री हासिल करने के बाद अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में पढ़ाने लगे, इसी बीच इनकी शोहरत और बढ़ने लगी और मुशायरों का एक जरूरी हिस्सा बन गए। कई देशों में अपने कलाम पहुंचने लगे।
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बशीर बद्र शायरी |
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1987 में बशीर बद्र (bashir badr ) के घर को लूटकर जला दिया गया जिसके बाद बशीर बद्र को गहरा दुःख पहुंचा, जिसके बाद बशीर बद्र ने एक शेर लिखा की..
लोग टूट जाते है एक घर बनाने में..।।
तुम तरस नहीं खाते बश्तियां जलने में
ये शेर इतना फेमस हुआ की आज तक लोगों के जुबा पर रहती हैं। सन 1984 में बशीर बद्र की बीवी के इंतकाल हो गया किंतु बशीर बद्र पाकिस्तान के एक मुशायरे में थे, जिसके बाद इनके बीवी का अंतिम संस्कार वहां के लोगों ने किया। कुछ सालों बाद बशीर बद्र (bashir badr) ने डॉ. राहत सुल्ताना से शादी कर ली, शादी के कुछ साल बाद बशीर बद्र की दिमागी हालत बिगड़ने लगी, और भूलने की बीमारी हो गई कोई भी चीज को याद नही रख पाते हैं, कहां जाता हैं अगर खुदा बशीर बद्र की दिमागी हालत ना छीनता तो आज बशीर बद्र कई सारे रूहानियत भरे शेर और गजलें लिखते होते।
बशीर बद्र {bashir badr}को नए रूप से गजल कहने और लिखने लिए जाना जाता है, मिर्ज़ा ग़ालिब के बाद बशीर बद्र को सबसे ज्यादा पढ़ा जाता हैं। बशीर बद्र मोहब्बत करने वालों के लिए रूहानियत भरे गजलों को लिखा है जिसे पढ़ने के बाद अहसास भरा सुकून मिलता है दिल को, बशीर बद्र शायरी में अपने दुनियां, मोहब्बत, मुफलिसी और आने वाले कल का तालमेल देखने को मिलता हैं। आइए जानते है बशीर बद्र शायरी
बशीर बद्र की ग़ज़लें / bashir badr ki ghazals
• कहां आसुओं की ये सौगात होगी ।।
नए लोग होंगे नई बात होगी।।
मैं हर हाल में मुस्कुराता रहूंगा ।।
तुम्हारी मोहब्बत अगर साथ होगी।।
जहां वादियों में नए फूल आए ।।
हमारी वहीं मुलाकात होगी।।
मुसाफिर है हम भी मुसाफिर हो तुम भी।।
किसी मोड़ पर फिर मुलाकात होगी।।
बशीर बद्र इंतजार
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Bashir badr |
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• खुदा हम को ऐसी खुदाई न दे।।
कि अपने सिवा कुछ दिखाई न दे ।।
खतावार समझेगी दुनियां तुझे।।
अब इतनी ज्यादा सफ़ाई न दे।।
खुदा ऐसे अहसास का नाम है।। रहे सामने और दिखाई न दे।।
बशीर बद्र रोमांटिक शायरी
• अगर तलाश करू तो कोई मिल ही जायेगा।।
मगर तुम्हारी तरह मुझे कौन चाहेगा।।
मैं अपनी राह में दीवार बन के बैठा हूं।।
अगर वो आया तो किस रास्ते से आएगा।।
तुम्हे जरूर कोई चाहतों से देखेगा।।
मगर वो आंखे हमारी कहां से लायेगा।।
तुम्हारे साथ ये मौसम फरिस्तों जैसा हैं।।
तुम्हारे बाद ये मौसम बहुत सताएगा।।
बशीर बद्र की दर्द भरी शायरी
• लोग टूट जाते है एक घर बनाने में।।
तुम तरस नहीं खाते बस्तियां जलाने में।।
हर धड़कते पत्थर को लोग दिल समझते हैं।।
उम्र बीत जाती है दिल को दिल बनाने में।।
दूसरी कोई लड़की जिंदगी में आएगी।।
कितनी देर लगती है उस को भूल जाने में।।
bashir badr shayari
• सर से पा तक वो गुलाबों का सजर लगता हैं।।
बा वजू होते हुए भी उसे छूने से डर लगता हैं।।
तेरे साथ सितारों से गुज़र सकता हु।।
कितना आसान मोहब्बत का सफ़र लगता हैं।।
बुत भी रखे है नमाजे भी अदा होती हैं।।
दिल मेरा दिल नही अल्लाह का घर लगता हैं।।
जिंदगी तूने मुझे कब्र में कम दी है ज़मी।।
पांव फैलाऊं तो दीवार से सर लगता हैं।।
dr bashir badr
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Bashir badr shayari |
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• वो चांदनी का बदन खुशबुओं का साया हैं
बहुत अज़ीज़ है हमें मगर पराया हैं
उतर भी आओ कभी आसमा के जीने से।।
तुम्हे खुदा ने हमारे लिए बनाया हैं।।
महक रही है ज़मी चांदनी के फूलों से।।
खुदा आज किसी के मोहब्बत पर मुस्कुराया हैं।।
उसे किसी के मोहब्बत का एतिबार नहीं।।
उसे जमाने ने शायद बहुत सताया हैं।।
bashir badr ghazals
• जब रात की तन्हाई दिल बन कर धड़कती हैं
यादों की दरिचों में चिलमन सी सरकती हैं
यूं प्यार नही छुपता पलकों को झुकाने से।।
आंखो के लिफाफा में तहरीर चमकती हैं।।
खुश रंग परिंदो के लौट आने के दिन आए।।
बिछड़े हुए मिलते है जब बर्फ पिघलती हैं।।
शोहरत की बुलंदी भी पल भर का तमाशा हैं।।
जिस डाल पर बैठे हो वो टूट भी सकती हैं।।
bashir badr poems
• आंखो में रहा दिल में उतर कर नही देखा ।।
कस्ती के मुसाफिर ने समंदर नही देखा।।
बे वक्त अगर आऊंगा तो सब चौक पड़ेंगे।।
इक उम्र हुई दिन में कभी घर नहीं देखा।।
ये फूल मुझे कोई विरासत में मिले हैं।।
तुमने मेरा कांटो भरा बिस्तर नही देखा हैं।।
महबूब का घर हो की बुजोर्गो की जमीनें ।।
जो छोड़ दिया फिर उसे मुड़ कर नहीं देखा।।
खत ऐसा लिखा है की नगीने से जड़े हैं।।
वो हाथ की जिसने कोई ज़ेवर नही देखा।।
पत्थर कहता है मेरा चाहने वाला।।
मैं मोम हु उसने मुझे छू कर नही देखा।।
bashir badr shayari
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Bashir Badr |
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• न जी भर के देखा न बात की।।
बड़ी आरजू थी मुलाकात की।।
Na ji bhar ke dekha na baat ki
Badi arju thi mulakat ki
~Bashir Badr
बशीर बद्र शायरी
• कुछ तो मजबूरियां रही होगी।।
यूंही कोई बेवफा नहीं होता।।
Kuch to majburiyan rahi hogi
Yunhi koi bevafa nahi hota
~Bashir Badr
Bashri badr ki shayari
•यहां लिबास की कीमत है आदमी की नही।।
मुझे गिलास बड़े दे शराब कम कर दे।।
Yaha libas ki kimat hai admi ki nahi
Mujhe gilash bade de sharab kam ker de
~bashir badra
Bashir badr shayari in hindi
• तुम मुहब्बत को खेल कहते हो।।
हमने बर्बाद जिंदगी कर ली।।
Tum mohabbat ko khel kahte ho
Hamne barbaad jindgi kar li
~bashir badra shayari
bashir badr famous shayari
•खुदा की इतनी बड़ी कायनात में ।।
मैने एक शख्स को मांगा वही ना मिला।।
Khuda ki itni badi kayamat me
Maine ek shaksh ko manga vahi na mila
~bashir badr
dr bashir badr shayari
•हम तो कुछ देर हस लेते है।।
दिल हमेशा उदास रहता है।।
Ham to kuch der hans lete hai
Dil hamesha udas rahta hai
~Bashir Badr
bashir badr ghazals, shayari and biography
• इसी लिए यहां अभी तक अजनबी हु मै
तमाम लोग फरिश्ते है आदमी हु मैं।।
Isi liye yaha abhi tak ajnabi hu mai
Tammam log farishte hai admi hu mai
~Bashir Badr
bashir badr shayari
• सात संदूकों में भर कर दफ्न कर दो नफरतें।।
आज इंसा को मोहब्बत की जरूरत हैं।।
sat sandukon me bhar ker dafn kar do nafaraten
Aaj insa ko moahbbton ki jarurat hai
~Bashir Badr
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