![]() |
Sahir ludhiyanavi |
- इसे भी पढ़े 👉 Ks Siddiqui के नए गज़ल पढ़िए
- इसे भी पढ़े 👉 बशीर बद्र के मशहूर गजले पढ़िए
- इसे भी पढ़ें 👉 मिर्ज़ा गालिब के बेस्ट शेर पढ़िए
- इसे भी पढ़े 👉 दाग देहलवी के मशहूर शेर पढ़िए
साहिर लुधियानवी ग़ज़ल / Sahir ludhiyanavi Ghazals
• जुर्म-ए-उल्फ़त पे हमें लोग सज़ा देते हैं।।
कैसे नादान हैं शोलों को हवा देते हैं।।
हम से दीवाने कहीं तर्क-ए-वफ़ा करते हैं।।
जान जाए कि रहे बात निभा देते हैं
आप दौलत के तराज़ू में दिलों को तौलें।।
हम मोहब्बत से मोहब्बत का सिला देते हैं।।
तख़्त क्या चीज़ है और लाल-ओ-जवाहर क्या हैं।।
इश्क़ वाले तो ख़ुदाई भी लुटा देते हैं।।
हम ने दिल दे भी दिया अहद-ए-वफ़ा ले भी लिया।।
आप अब शौक़ से दे लें जो सज़ा देते हैं।।
इसे भी पढ़ें👉 सय्यद जॉन एलिया के मशहूर शेर पढ़िए
इसे भी पढ़े 👉 हसरत मोहानी के बेस्ट शेर पढ़िए
• हर तरह के जज़्बात का एलान हैं आँखें।।
शबनम कभी शो'ला कभी तूफ़ान हैं आँखें।।
आँखों से बड़ी कोई तराज़ू नहीं होती।।
तुलता है बशर जिस में वो मीज़ान हैं आँखें।।
लब कुछ भी कहें इस से हक़ीक़त नहीं खुलती।।
इंसान के सच झूट की पहचान हैं आँखें।।
आँखें न झुकीं तेरी किसी ग़ैर के आगे।।
दुनिया में बड़ी चीज़ मिरी जान! हैं आँखें।।
आँखें ही मिलाती हैं ज़माने में दिलों को।।
अंजान हैं हम तुम अगर अंजान हैं आँखें।।
इसे भी पढ़े👉 काफ़ी आज़मी के बेस्ट शेर पढ़े
इसे भी पढ़े 👉 कैफ़ी आज़मी के मशहूर शेर पढ़िए
• मैं ज़िंदगी का साथ निभाता चला गया।।
हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ाता चला गया।।
जो मिल गया उसी को मुक़द्दर समझ लिया।।
जो खो गया मैं उस को भुलाता चला गया।।
बर्बादियों का सोग मनाना फ़ुज़ूल था।।
बर्बादियों का जश्न मनाता चला गया।।
ग़म और ख़ुशी में फ़र्क़ न महसूस हो जहाँ।।
मैं दिल को उस मक़ाम पे लाता चला गया।।
इसे भी पढ़े 👉 शकील बदायूंनी के मशहूर शेर पढ़िए
इसे भी पढ़े 👉 KS Siddiqui के बेस्ट ग़ज़ल पढ़िए
• मिलती है ज़िंदगी में मोहब्बत कभी कभी।।
होती है दिलबरों की इनायत कभी कभी।।
शर्मा के मुँह न फेर नज़र के सवाल पर।।
लाती है ऐसे मोड़ पे क़िस्मत कभी कभी।।
खुलते नहीं हैं रोज़ दरीचे बहार के
आती है जान-ए-मन ये क़यामत कभी कभी।।
तन्हा न कट सकेंगे जवानी के रास्ते
पेश आएगी किसी की ज़रूरत कभी कभी।।
फिर खो न जाएँ हम कहीं दुनिया की भीड़ में।।
मिलती है पास आने की मोहलत कभी कभी।।
• तिरी दुनिया में जीने से तो बेहतर है कि मर जाएँ।।
वही आँसू वही आहें वही ग़म है जिधर जाएँ।।
कोई तो ऐसा घर होता जहाँ से प्यार मिल जाता।।
वही बेगाने चेहरे हैं जहाँ जाएँ जिधर जाएँ।।
अरे ओ आसमाँ वाले बता इस में बुरा क्या हैं।।
ख़ुशी के चार झोंके गर इधर से भी गुज़र जाएँ।।
इसे भी पढ़े 👉 इंकलाबी शायर जोश मलीहाबादी के शेर पढ़िए
इसे भी पढ़े 👉 कुमार विश्वास के मशहूर गजले पढ़िए
• पाँव छू लेने दो फूलों को इनायत होगी।।
वर्ना हम को नहीं उन को भी शिकायत होगी।।
आप जो फूल बिछाएँ उन्हें हम ठुकराएँ।।
हम को डर है कि ये तौहीन-ए-मोहब्बत होगी।।
शर्म रोके है उधर शौक़ इधर खींचे है।।
क्या ख़बर थी कभी इस दिल की ये हालत होगी।।
दिल की बेचैन उमंगों पे करम फ़रमाओ।।
इतना रुक रुक के चलोगी तो क़यामत होगी।।
शर्म ग़ैरों से हुआ करती है अपनो से नहीं।।
शर्म हम से भी करोगे तो मुसीबत होगी मुसीबत होगी।।
• दूर रह कर न करो बात क़रीब आ जाओ।।
याद रह जाएगी ये रात क़रीब आ जाओ।।
एक मुद्दत से तमन्ना थी तुम्हें छूने की।।
आज बस में नहीं जज़्बात क़रीब आ जाओ ।।
सर्द झोंकों से भड़कते हैं बदन में शोले।।
जान ले लेगी ये बरसात क़रीब आ जाओ।।
इस क़दर हम से झिजकने की ज़रूरत क्या है।।
ज़िंदगी भर का है अब साथ क़रीब आ जाओ।।
इसे भी पढ़े 👉 अल्लामा इक़बाल के मशहूर शेर पढ़िए
इसे भी पढ़ें 👉 शायरी के खुदा मीर तकी मीर के बारे में पढ़िए
0 टिप्पणियाँ